जिला पंचायत का अपर मुख्य अधिकारी  निलंबित

लापरवाही और बिना अनुमति अनुपस्थित रहने पर शासन की कार्रवाई

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अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। शासन ने जिला पंचायत पौड़ी के अपर मुख्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार  को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

शासन को प्राप्त शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि डॉ. सुनील कुमार ने जिला पंचायत कार्यालय स्तर पर प्राप्त पत्रों एवं शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं किया। साथ ही वे अक्सर बिना अवकाश स्वीकृति या अनुमति के अपने कार्यालय से अनुपस्थित रहते थे।

शासन ने इन तथ्यों को गंभीर मानते हुए उनके विरुद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव किया है।

निलंबन अवधि में डॉ. सुनील कुमार पंचायतीराज निदेशालय, देहरादून में सम्बद्ध रहेंगे। इस दौरान उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा। निलंबन अवधि में उन्हें प्रतिदिन कार्यालय में उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा।

जांच में सुनील कुमार के अन्य व्यावसायिक उपक्रमों के भी संकेत मिले हैं।

पूर्व में हुए एक 75 लाख के सफाई  घपले में पौड़ी जिला पंचायत के कार्मिक निलंबित हो चुके हैं। एक उपनल कर्मी ने तो अपनी पत्नी के नाम कम्पनी खोलकर सरकारी भुगतान करवा लिया था।

कार्यालय आदेश

डॉ० सुनील कुमार, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, पौड़ी (सम्प्रति पंचायतीराज निदेशालय, देहरादून में सम्बद्ध) के विरुद्ध जिला पंचायत कार्यालय स्तर पर प्राप्त पत्रों/शिकायतों का ससमय निस्तारण न करने एवं प्रायः अवकाश स्वीकृति व अनुमति के बिना अपने कार्यालय से अनुपस्थित रहने आदि के तथ्य शासन के संज्ञान में आये हैं जिसके लिए उक्त अधिकारी के विरूद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 (समय-समय पर यथासंशोधित) के तहत अनुशासनिक कार्यवाही किया जाने का प्रस्ताव है।

2. डॉ० सुनील कुमार के विरूद्ध पाये गये उपरोक्त तथ्य/आरोप गम्भीर प्रकृति के हैं तथा उनके सिद्ध होने की दशा में उक्त अधिकारी को वृहत दण्ड/दीर्घ शास्ति दी जा सकती है। अतः डॉ० सुनील कुमार, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, पौड़ी (सम्प्रति पंचायतीराज निदेशालय, देहरादून में सम्बद्ध) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

3. निलम्बन अवधि में डॉ० सुनील कुमार पंचायतीराज निदेशालय, देहरादून में सम्बद्ध रहेंगे। निलम्बन अवधि में निलम्बित अधिकारी द्वारा कार्यालय दिवस में निदेशालय में रक्षित उपस्थिति पंजिका में अपनी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज की जाएगी।

4. निलम्बन की अवधि में डॉ० सुनील कुमार, अपर मुख्य अधिकारी को वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-2, भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अन्तर्गत जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि डॉ० सुनील कुमार द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

5. उपर्युक्त प्रस्तर-4 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि डॉ० सुनील कुमार इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें, कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निदेशक पंचायतीराज द्वारा सम्बद्धता अवधि में, मासिक रूप से निर्गत उपस्थिति प्रमाण पत्र के आधार पर ही उपरोक्त प्रस्तर-4 में उल्लिखित मदों का भुगतान किया जाएगा।

देखें, पौड़ी जिला पंचायत में सफाई घोटाला

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