अविकल उत्तराखंड
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सोमवार को हल्द्वानी आगमन पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागरिकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सर्किट हाउस पहुँचने पर आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत और पुलिस उपमहानिरीक्षक (आईजी) कुमाऊँ रिद्धिमा अग्रवाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने सर्किट हाउस सभागार में जनता से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएँ, शिकायतें और सुझाव सुने। विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, व्यापारी संगठनों, महिला समूहों, युवाओं और किसानों ने अपने-अपने मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष रखे।
जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है और जनता की हर समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त प्रत्येक शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेकर त्वरित निस्तारण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक बिना किसी भेदभाव के पहुँचे, यह सुनिश्चित करना प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासनिक तंत्र को जनता की सुविधा के अनुरूप और अधिक संवेदनशील व जवाबदेह बनाया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने विकास कार्यों की गति तेज करने, लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण और शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी शासन व्यवस्था की दिशा में काम कर रही है ताकि आमजन को बार-बार प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही कुछ शिकायतों का समाधान करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “डबल इंजन की सरकार” उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है, जिसमें जनता की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, विधायक कालाढूंगी बंशीधर भगत, विधायक लालकुआं डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, विधायक भीमताल रामसिंह कैड़ा, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी रिद्धिमा अग्रवाल, प्रभारी जिलाधिकारी अनामिका सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी के आगमन से हल्द्वानी में जनसामान्य में उत्साह का वातावरण रहा। नागरिकों ने उनके इस जनसंपर्क कार्यक्रम को जनता के प्रति संवेदनशीलता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।

