एआई नवाचार और सामाजिक प्रभाव के मॉडल पर मंथन

उत्तराखंड एआई इम्पैक्ट समिट 2025 शुरू

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखंड सरकार के आईटी विभाग ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और इंडिया एआई मिशन के सहयोग से उत्तराखंड एआई इम्पैक्ट समिट 2025 का आयोजन किया।
यह समिट 19-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में होने वाले भारत-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 का प्री-समिट कार्यक्रम है।

समारोह का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने किया। इस अवसर पर आईटी सचिव नितेश कुमार झा, भारत एआई मिशन के निदेशक मोहम्मद वाई सफिरुल्ला, यूसीओएसटी महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत, यूपीईएस कुलपति प्रो. राम शर्मा, एनआईसी एसआईओ संजय गुप्ता और एनआईसी एआई प्रभाग की डीडीजी श्रीमती शर्मिष्ठा दास उपस्थित रहे।

जितिन प्रसाद ने कहा, “पिछली सदी का परमाणु तकनीक था, इस सदी का एआई है। हम विश्वस्तरीय कंप्यूटिंग शक्ति केवल एक डॉलर प्रति घंटे से भी कम कीमत में उपलब्ध करा रहे हैं। एआई के माध्यम से शासन, शिक्षा और बड़े आयोजन जैसे कुंभ का प्रबंधन संभव हो गया है। भारत अब सक्षम और आत्मविश्वासी होकर वैश्विक एआई नेतृत्व कर रहा है।”

आईटी सचिव नितेश कुमार झा ने बताया कि उत्तराखंड में एआई का उपयोग केवल अपनाने तक सीमित नहीं, बल्कि इसे विकसित और निर्मित किया जा रहा है। राज्य में स्थापित उत्कृष्टता केंद्र और ड्रोन अनुप्रयोग केंद्र में एआई को इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य को इस वर्ष प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है।

प्री-समिट कार्यक्रम में आईआईटी रुड़की, आईआईएम काशीपुर, टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज, यूपीईएस और एसटीपीआई देहरादून सहित कई संस्थानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में एआई-आधारित स्टार्टअप्स ने शासन, उद्यमिता और सामाजिक प्रभाव में अपने व्यावहारिक अनुप्रयोग प्रस्तुत किए।

समिट ने भारत-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए मंच तैयार किया, जो ग्लोबल साउथ में आयोजित होने वाला पहला वैश्विक एआई फोरम होगा। इसका उद्देश्य समानतापूर्ण, टिकाऊ और जन-केंद्रित एआई विकास को बढ़ावा देना है।

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