आदि कैलाश की अल्ट्रा मैराथन से पर्यटन की स्वर्णिम सुबह का आगाज़

14 हजार फीट की एक ठंडी सुबह …सैकड़ों कदमों ने रचा इतिहास

देखें वीडियो, बम बम भोले की गूंज और बढ़ चले सैकड़ों पग

उत्तराखण्ड 25 साल- शीतकालीन रोमांचक पर्यटन की बाजी रणभेरी

अविकल थपलियाल

आदि कैलाश, पिथौरागढ़। रविवार, 2 नवंबर..सुबह के 5 बजे…उच्च हिमालयी दुर्गम क्षेत्र..
तापमान -14 से -20 डिग्री तक…बम-बम भोले..हर-हर महादेव का जयघोष..15 साल से लेकर 60 साल के उम्र के धावक वार्म अप करते हुए।
सूर्य की किरणों से आदि कैलाश और आस पास की उच्च हिमालयी पर्वत श्रेणियां दमकती हुई.. सरकारी व स्थानीय अमला हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन दौड़ की तैयारी में मशगूल ..प्रमुख अधिकारी धीराज गर्ब्याल.. संजय गुंज्याल मैराथन की शुरुआत के निर्देश देते हुए। उत्साह से लबरेज केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा आदि कैलाश की पावन धरती पर मौजूद..माइक पर आवश्यक निर्देश गूंजते हुए।

रविवार को सूरज के गर्माहट पकड़ते ही आदि कैलाश में विशेष हलचल शुरू हो गयी।
उत्तराखण्ड के रजत जयंती साल में शीतकालीन एडवेंचर व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आदि कैलाश से गुंजी तक हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन की शुरुआत हुई।
विभिन्न वर्गों के लिए 5 किमी से 60 किमी की अल्ट्रा रन में देश भर के 22 राज्यों के 780 धावकों ने बर्फीले व पथरीले रास्ते पर कदम बढ़ाए।

हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन को केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल ने रवाना किया।

रविवार की बेहद सर्द सुबह में 14 हजार फीट पर धावकों का उत्साह देखते ही बनता था।
आदि कैलाश इलाके में आयोजित इस रोमांचक दौड़ के आयोजन में पर्यटन विभाग के साथ आईटीबीपी का विशेष योगदान रहा। आईटीबीपी,पर्यटन व जिला प्रशासन के अलावा गुंजी व आसपास के गांवों के लोगों ने प्रतिभागियों के रहने व भोजन व्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान किया।


केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने आदि कैलाश क्षेत्र में इस आयोजन को मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से शीतकालीन पर्यटन को भारी बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि इस आयोजन में स्थानीय विभिन्न गांवों के लोगों का भरपूए सहयोग मिला। गर्ब्याल ने कहा कि पीएम मोदी, सीएम धामी व पर्यटन मंत्री के निर्देशन में शीतकालीन रोमांचक पर्यटन की शुरुआत की गई है।

वाइब्रेंट विलेज क्षेत्र में साहसिक खेलों के आयोजन से देश-विदेश में उत्तराखण्ड के पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा दुर्गम इलाकों में होम स्टे की नीति को भी पंख लगेंगे।

आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि यह अल्ट्रा मैराथन सांस्कृतिक व आध्यात्मिक क्षेत्र आदि कैलाश की ओर देश विदेश का ध्यान खींचेगी। यह एक शुभ शुरुआत हुई है।

हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन में हिस्सा लेने पहुंचे धावकों ने इसे अविस्मरणीय पल करार दिया। और बेहतर प्रबन्धन के लिए विशेष तौर पर आईटीबीपी का आभार जताया।

( अल्ट्रा मैराथन का परिणाम शाम 5 बजे तक घोषित होने की उम्मीद)

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