कांग्रेस में ऑल इज वेल..”फीलगुड -फीलगुड
हरदा ने कहा, यह समन्वयवादी अमृत..थैंक यू हाईकमान
भाजपा मंत्रियों की कुंडली है मेरे पास-गोदियाल
सीएम दरबार में लगा विधायकों का तांता
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। नई टीम के आकार लेते ही कांग्रेस में चहुं ओर उत्साह व जोश का आलम है। अधरों पर ढाई इंची मुस्कान। एक दूसरे के प्रति दिलों में नफरती भाव को छुपाते हुए मुंह मीठा मीठा हो रहा है। फूल मालाओं के साथ जिंदाबाद के नारे। हम साथ साथ हैं का फील गुड संदेश भी वॉयरल हो रहा है।
कुल मिलाकर 12 नवंबर की सुबह से लेकर रात तक कांग्रेस के पांचों बड़े नेता एक दूसरे के गले लग लिए। पूर्व सीएम हरीश रावत, करण माहरा, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह व हरक सिंह एक दूसरे को बधाई देते नजर आए।
कई दिनों से जारी जंग के बाद कांग्रेस के संतुलित माने जा रहे फ्रेम में हरीश रावत को कोई जगह तो नहीं दी गयी। फिर भी वे हाईकमान का धन्यवाद व ऊर्जावान टीम को बधाई देते नजर आए। मीडिया के सामने नयी टीम के बारे में कह दिया कि यह समन्वयवादी अमृत है। और नई टीम के साथ पूरा सहयोग करते हुए 2027 में फतह हासिल करेंगे।
यह पहली बार है कि राज्य गठन के 25 वें साल में हरीश रावत को चुनाव की बह रही मुख्य धारा में तैरने का मौका नहीं मिला। चुनाव से जुड़ी ताजातरीन टीम में सीधे तौर पर उनकी सेवाएं नहीं ली गयी।

यही नहीं, जिलाध्यक्षों के चयन में भी निवर्तमान व प्रोन्नत (CWC) किए गए करण माहरा के अधिकतर समर्थक एडजस्ट कर दिए गए। हाईकमान ने हरीश रावत के ब्राह्मण कार्ड का संज्ञान तो लिया। लेकिन जिलाध्यक्षों के मामले में हरदा के करीबी मन मसोस कर रह गए।
बहरहाल, बीते बुधवार को सभी नेता देहरादून में एक दूसरे से मिल लिए। गोदियाल-हरक व प्रीतम 2027 के विधानसभा चुनाव की अहम जिम्मेदारी को बूझते हुए एक स्वर में भाजपा की चूलें हिलाने का ऐलान कर रहे हैं।
उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस की नई टीम पर तंज कसते हुए कह दिया कि 2022 में भी गोदियाल ही कप्तान थे। लेकिन टूटी फूटी व आधी अधूरी धामी कैबिनेट कांग्रेस की इस त्रिवेणी की तेज धारा को कैसे रोकेगी। यह भी अहम सवाल बना हुआ है।

पहले दिन ही कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने साफ कह दिया कि उनके पास भाजपा के हर नेता की कुंडली है। इशारा साफ है कि आने वाले दिनों में गोदियाल सीएम धामी कैबिनेट के मंत्रियों को निशाने पर लेंगे।
गौरतलब है कि धामी कैबिनेट के कुछ मंत्री लम्बे समय से सुर्खियों में चल रहे है।
भ्र्ष्टाचार के मामलों से लेकर उनकी परफार्मेंस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। कई जनमुद्दों को लेकर आंदोलन भी जारी है।

ऐसे में चुनाव से पूर्व कांग्रेस की ओर से मंत्रियों को घेरने की कवायद भाजपा सरकार को गहरी परेशानी में डालेगी। कांग्रेस के प्रहार से बचने के लिए धामी कैबिनेट के पुनर्गठन की खबरों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है।
बीते दिन भी भाजपा के विधायक बृजभूषण गैरोला, मोहन बिष्ट समेत अन्य विधायकों ने सीएम धामी से मुलाकात की। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि इसी महीने आधे अधूरे मन्त्रिमण्डल को पूरा करने की कवायद भी पूरी कर ली जाएगी।
बदलते मौसम को देखते हुए भाजपा भी कैबिनेट में बदलाव कर जनता की नाराजगी व कांग्रेस के आक्रामक रुख को ठंडा करने की।कोशिश में जुट गई है।
उत्तराखण्ड कांग्रेस में बदलाव के बाद भाजपा खेमा भी स्वंय को चाक चौबंद करने में जुट गया है।
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