महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर मंथन

लखपति दीदी मूल्यांकन समिति की बैठक सम्पन्न

अविक्ल उत्तराखण्ड

देहरादून। लखपति दीदी राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक आज सचिव ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य, उद्योग सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 68,497 स्वयं सहायता समूह, 7,768 ग्राम संगठन तथा 566 क्लस्टर संगठन गठित किए जा चुके हैं। इन समूहों के माध्यम से 5 लाख से अधिक महिलाएँ संगठित होकर विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़ी हैं।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की पहल पर दीनदयाल अन्त्योदय–राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं का संस्थागत निर्माण, क्षमता विकास, वित्तीय समावेशन, विभागीय समन्वय, विभिन्न आजीविका गतिविधियों में सहभागिता तथा उत्पादों के विपणन के माध्यम से उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वर्तमान में राज्य में 1.63 लाख सदस्याएँ लखपति दीदी के रूप में विकसित की जा चुकी हैं। वित्तीय वर्ष 2025–26 में 1.20 लाख अतिरिक्त सदस्याओं को लखपति दीदी बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श कर कार्ययोजना तैयार की गई।

बैठक के निर्देश

मूल्यांकन समिति में पर्यटन विभाग को सम्मिलित किया जाए।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं पीएमईजीपी के माध्यम से अधिक से अधिक एसएचजी सदस्यों को जोड़ा जाए।

एसएचजी सदस्यों का तकनीकी एवं कौशल विकास मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के माध्यम से किया जाए।

समूह सदस्यों द्वारा उत्पादित उत्कृष्ट उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज (HoH) से जोड़ा जाए।

ग्रामोत्थान (REAP) के माध्यम से अधिक ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित किया जाए।

सभी विभाग पारस्परिक समन्वय स्थापित कर जिला-वार कार्ययोजनाएँ तैयार करें, ताकि अधिक महिलाएँ लखपति दीदी के रूप में विकसित हो सकें।

इसके अतिरिक्त सचिव ग्राम्य विकास ने सभी मुख्य विकास अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख योजनाओं—उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM), ग्रामोत्थान (REAP), मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, तथा हाउस ऑफ हिमालयाज (HoH)—की प्रगति की समीक्षा की। जिन जनपदों की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई, उनमें सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए।

बैठक में अपर सचिव ग्राम्य विकास झरना कमठान, उपायुक्त ए.के. राजपूत, उपायुक्त नरेश कुमार, उपायुक्त संजय सिंह, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप कुमार पाण्डेय, मुख्य क्रियान्वयन अधिकारी प्रभाकर बेबनी, अपर परियोजना निदेशक महेंद्र सिंह यादव, सहित कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य, उद्योग आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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