उत्तराखण्ड में महंगी हुई शराब,एक्साइज पर वैट लागू

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। प्रदेश सरकार ने नए वित्तीय वर्ष की आबकारी नीति से अधिक राजस्व जुटाने का दावा किया था, लेकिन वित्त वर्ष समाप्त होने से चार माह पहले ही बड़ी अड़चन सामने आ गई। एक्साइज ड्यूटी को वैट के दायरे से बाहर रखने के फैसले पर वित्त विभाग ने सख्त आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद सरकार को नीति में संशोधन करना पड़ा।
अब एक्साइज ड्यूटी पर भी 12 प्रतिशत वैट लागू होगा, जिससे शराब की कीमतें अचानक 50 से 100 रुपये प्रति बोतल तक बढ़ गईं। इस बदलाव से जहां उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा है, वहीं राजस्व लक्ष्य का गणित भी बिगडऩे लगा है।

कैसे पलटा पूरा फैसला?

आबकारी विभाग ने अपनी नई नीति में एक्साइज ड्यूटी को वैट से मुक्त रखने का प्रस्ताव रखा था। तर्क दिया गया कि उत्तर प्रदेश में भी एक्साइज पर वैट नहीं है, लिहाजा बाजार प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए यह जरूरी है। कई दौर की फाइलों और स्पष्टीकरणों के बावजूद वित्त विभाग राजी नहीं हुआ। विभाग का मानना था कि वैट हटने से राजस्व नुकसान तय है। अंतत: वित्त विभाग की कठोर आपत्ति के चलते आबकारी विभाग ने अपना प्रस्ताव वापस लेते हुए एक्साइज ड्यूटी पर भी 12 वैट लागू कर दिया।

शराब की
कीमतें बढऩे से उत्तराखंड में शराब पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगी हो गई है।
माना जा रहा है कि यहां आने वाले पर्यटक अब अधिकतम अनुमन्य कोटा लेकर प्रवेश करेंगे। इससे राज्य के भीतर बिक्री पर सीधा असर पड़ेगा। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में शराब के संतुलित दाम बिक्री बढ़ाने और तस्करी रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिसकी चुनौती अब और बढ़ जाएगी।

राजस्व लक्ष्य लडख़ड़ा सकता है
आबकारी विभाग अब तक अनुमान लगा रहा था कि इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से करीब 700 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व हासिल हो सकता है। लेकिन, वैट लागू करने के बाद विभाग अधिकतम 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने की उम्मीद कर रहा है। वहीं 25 लाख पेटियां बेचने का लक्ष्य अब भी अधूरा है। अचानक कीमत बढऩे से उपभोक्ताओं पर जहां लगभग 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा, वहीं मांग घटने की स्थिति में विभाग को करीब 250 करोड़ रुपये की राजस्व कमी का खतरा खड़ा हो गया है।

कितना बढ़ा बोझ?

प्रति बोतल कीमत बढ़ोतरी: 50-100 रुपये
उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ: लगभग 150 करोड़ रुपये
संभावित राजस्व कमी: करीब 250 करोड़ रुपये
एक्साइज पर लागू वैट: 12 प्रतिशत
अतिरिक्त अनुमानित आय: सिर्फ 50 करोड़ रुपये

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