गजब- नजीबाबाद का शिक्षक अंसारी बन गया चमोली का स्थायी निवासी
फर्जी प्रमाणपत्र की जांच में नपेंगे कई जिम्मेदार
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नाबालिग पीड़ितों के कोर्ट में होंगे बयान
अविकल उत्तराखंड
गोपेश्वर। उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद का अंसारी सीमांत चमोली जिले का स्थायी निवासी बन गया। और अतिथि शिक्षक बन नाबालिग छात्र छात्राओं का उत्पीड़न करने लगा। अभी जेल में है।
इस गंभीर घटना में, नाबालिग छात्रों का यौन उत्पीड़न करने वाले एक अतिथि शिक्षक को चमोली पुलिस ने मात्र 12 घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश के बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया है।
मंगलवार को पीड़ित बालक एवं बालिका के माननीय न्यायालय के समक्ष बयान करवाए जा रहे हैं।
यह मामला 30 नवंबर, 2025 को तब सामने आया जब वादी द्वारा रा०उ०नि० गौणा में तहरीर दी गई। तहरीर के अनुसार, रा०इ०कां० गौणा में कार्यरत अतिथि शिक्षक युनूस अंसारी ने परीक्षा में फेल कर देने की धमकी और भिन्न कारणों का डर दिखाकर वादी के नाबालिग पोते और उसी विद्यालय की एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न एवं छेड़छाड़ की। जिसके आधार पर रा0उ0नि0 क्षेत्र में मुकदमा अपराध संख्या 02/2025 धारा 74, 78 भारतीय न्याय संहिता (BNS) और 5(c)/6, 9/10 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
मामले की गंभीरता देखते हुए, उच्चाधिकारियों के आदेश पर तत्काल विवेचना को राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित कर दिया गया।
मामले की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पँवार ने तत्काल संज्ञान लिया और अभियुक्त की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु व0उ0नि0 विजय प्रकाश के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित करने के सख्त निर्देश दिए। टीम ने बिना एक पल गंवाए आरोपी की तलाश में सक्रिय प्रयास शुरू कर दिए।
पुलिस टीम ने तुरंत सर्विलांस, तकनीकी विश्लेषण और लगातार सुरागरसी का सहारा लिया। तकनीकी इनपुट्स के आधार पर जुटाई गई सटीक जानकारी के पश्चात टीम ने 01 दिसंबर, 2025 को आरोपी युनूस अंसारी को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी को 2 दिसम्बर को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहाँ से उसे जिला कारागार पुरसाड़ी भेज दिया गया है।
एसपी चमोली पंवार ने कहा कि हमारी सबसे पहली प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा है। शिक्षक द्वारा नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के जघन्य मामले में, हमने 12 घंटे के भीतर आरोपी को दूसरे राज्य से गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश है कि अपराध करने वाला कोई भी हो, उसे खाकी से बचकर भागने का मौका नहीं मिलेगा।
पुलिस टीम
1- व0उ0नि0 विजय प्रकाश
2- का0 पंकज मैखुरी
3- का0 संजय
नजीबाबाद का अंसारी बन गया चमोली का स्थायी निवासी
आरोप है कि युनूस अंसारी, जो कि राजकीय इंटर कॉलेज (चमोली, उत्तराखंड) में अतिथि शिक्षक थे, ने जब शिक्षक की नौकरी पाई, तो उन्होंने अपने नाम के साथ एक स्थाई निवास प्रमाणपत्र (स्थानीय निवासी होने का प्रमाण) जमा किया था।

उनके दस्तावेजों में 2010 का एक स्थायी निवास प्रमाणपत्र था, जिसमें यह दिखाया गया था कि वे “चमोली गढ़वाल” जिले के स्थायी निवासी थे।
लेकिन, पुलिस जांच और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि युनूस अंसारी असल में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले (नजीबाबाद/जलालाबाद) का निवासी है।
यानी, कथित रूप से उन्होंने Uttar Pradesh निवासी होते हुए उत्तराखंड का निवास प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी प्राप्त की — इस पर अब स्थानीय प्रशासन द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं।
कितना बड़ा मामला: प्रमाणपत्र + यौन शोषण
युनूस अंसारी पर नाबालिग छात्रा व छात्र के साथ यौन शोषण, छेड़छाड़ और उत्पीड़न का आरोप है।
प्रथम शिकायत के बाद, उसे गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
इसके बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने कहा है कि इस तरह के फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग कर सरकारी नौकरी लेना — न सिर्फ नौकरी पाने वालों के लिए बल्कि शिक्षा व्यवस्था व स्थानीय योग्य उम्मीदवारों के लिए भी बड़ा धक्का है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने इस मामले में आदेश दिए हैं कि युनूस अंसारी के उत्तराखंड के स्थाई निवासी प्रमाणपत्र की जांच हो।
इस बात पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि कैसे एक उत्तर प्रदेश निवासी शिक्षक ने उत्तराखंड निवासी बनकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली — जिससे स्पष्ट हो गया कि स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया और प्रमाण पत्र सत्यापन में काफी ढील रही होगी।
इस फर्जी प्रमाणपत्र मामले की गहन जांच में कई कर्मियों के नपने की सम्भावना है।

