तीन बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को मिली मंजूरी

यूजेवीएन लिमिटेड बोर्ड की 131वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी

राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की पहल

यूजेवीएन लिमिटेड के निदेशक मंडल की 131वीं बैठक संपन्न

देहरादून। यूजेवीएन लिमिटेड के निदेशक मंडल की 131वीं बैठक में सरकारी भ्योल–रुपसियाबगड़ परियोजना सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।

इस संबंध में जानकारी देते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने बताया कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन को गति देने के लिए बैठक में 120 मेगावाट की भ्योल–रुपसियाबगड़, 102 मेगावाट की मोरी–त्यूणी तथा 114 मेगावाट की सेला उर्थिंग जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसमें भ्योल–रुपसियाबगड़ परियोजना के विद्युत-यांत्रिक कार्यों की पुनरीक्षित लागत भी शामिल है।

डॉ. सिंघल ने बताया कि इन परियोजनाओं के निर्माण से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था मजबूत होगी और राज्य को ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि निदेशक मंडल ने वर्ष 2026–27 हेतु निगम के परिचालन के अंतर्गत विद्युत गृहों एवं अन्य घटकों के बीमा से संबंधित प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही, 1907 में स्थापित 3.5 मेगावाट की गलोगी लघु जल विद्युत परियोजना के आरएमयू के पश्चात कैपिटल संशोधित टैरिफ के लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में 11 वृहद जल विद्युत परियोजनाओं के टैरिफ पिटिशन में आए विचलन से संबंधित प्रस्ताव को भी संज्ञान में लिया गया।

बैठक में मुख्य सचिव एवं यूजेवीएन लिमिटेड के अध्यक्ष आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मिनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव वित्त हिमांशु खुराना, इंदु कुमार पांडेय, बी.पी. पांडेय, पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लिमिटेड डॉ. संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चंद्र बलूनी, निदेशक परिचालन ए.के. सिंह, अधिशासी निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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