धर्मांतरण व यूसीसी कानून की ‘लिपिकीय त्रुटि’ से मची हलचल

लोकभवन ने लौटाया, शासन ने कहा , लिपिकीय त्रुटियों में सुधार करेंगे

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कानून से जुड़े प्रस्ताव फिर भेजे जाएंगे राजभवन

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून और UCC पहले से लागू- गृह सचिव

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। धर्मांतरण व समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू होने का मसला एक बार फिर चर्चा में है।
चर्चा यह कि लोकभवन ने इन दोनों कानून से जुड़े ड्राफ्ट को आवश्यक संशोधन के लिए सरकार को लौटाया है।
बीते 48 घन्टे से यह मसला सत्ता के गलियारों में बूम बूम कर रहा है। सवाल उठ रहा है कि आखिर कानून को लागू हुए ठीक ठाक समय भी ही गया। फिर ड्राफ्ट में संशोधन या कुछ और संभावित आपत्ति की बात कैसे सामने आ गयी।

गुरुवार को गृह सचिव शैलेश बगौली ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में कठोर धर्मांतरण कानून पहले से ही प्रभावी है तथा समान नागरिक संहिता (UCC) भी राज्य में लागू है। उन्होंने कहा कि इन दोनों कानूनों को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह पूरी तरह निराधार है।

गृह सचिव ने बताया कि हाल में संबंधित विधेयकों के ड्राफ्ट में कुछ लिपिकीय त्रुटियां पाई गई थीं, जिनके कारण उन्हें सुधार के लिए संबंधित प्रशासकीय विभागों को वापस भेजा गया है। आवश्यक दुरुस्तीकरण के बाद प्रस्तावों को पुनः अनुमोदन हेतु लोक भवन भेजा जाएगा।

उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार धर्मांतरण कानून और UCC को लेकर अपने स्पष्ट और सख्त रुख पर पूरी तरह कायम है। वर्तमान प्रक्रिया का उद्देश्य केवल प्रशासकीय और तकनीकी शुद्धता सुनिश्चित करना है, न कि किसी प्रकार की नीति में बदलाव करना।

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