अंकिता के माता-पिता ने कहा, उर्मिला कोर्ट में पेश करे तथ्य
जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराएं साक्ष्य- अपर पुलिस महानिदेशक
कैंडल मार्च में गोदियाल बोले, बजा देंगे ईंट से ईंट
अविकल थपलियाल
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच के चौतरफा शोर के बीच उत्तराखण्ड पुलिस ने एक बार फिर सार्वजनिक तौर पर सबूत मांगे हैं।
शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाबत प्रेस नोट जारी किया।
प्रेस नोट में एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने पुनः अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में दर्ज प्रकरणों की विवेचना जारी है और यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस संबंध में कोई प्रामाणिक जानकारी या साक्ष्य उपलब्ध हों, तो वे जांच एजेंसियों को उपलब्ध करा सकते हैं।
यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई तथ्य, साक्ष्य या महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध थी, तो उसे विवेचना के दौरान एसआईटी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता था।
यही एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी है। उस समय भी पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से अपील की गई थी कि यदि किसी के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई भी जानकारी, तथ्य अथवा साक्ष्य उपलब्ध हों, तो वे जांच एजेंसियों के साथ साझा करें।
डॉ. मुरुगेशन ने कहा कि यह प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है । और राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि इसकी निष्पक्ष, पारदर्शी एवं पूर्ण जांच सुनिश्चित की जाए। सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतेंगे और कानून के अनुरूप कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने अंकिता भंडारी हत्याकांड से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे भ्रामक एवं तथ्यहीन विवादों के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं संवेदनशील घटना थी, जिसकी जानकारी सरकार को प्राप्त होते ही तत्काल प्रभावी कार्रवाई की गई।
हाल ही में इस प्रकरण से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस द्वारा दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं, जिनकी विवेचना प्रचलित है। विवेचना के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधि सम्मत एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जांच में क्या हुआ
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में घटित अंकिता हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा तत्काल एक वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी रेणुका के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। जनता के सड़कों पर उतरने के बाद घटना में संलिप्त सभी अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार किया गया ।
विवेचना एवं ट्रायल की प्रक्रिया के दौरान यह प्रकरण नैनीताल उच्च न्यायालय के समक्ष भी प्रस्तुत हुआ, जहाँ सीबीआई जांच कराए जाने संबंधी याचिका दायर की गई।
उच्च न्यायालय द्वारा एसआईटी जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी एवं विधिसम्मत मानते हुए सीबीआई जांच की आवश्यकता से इनकार किया गया तथा याचिका को खारिज कर दिया गया।
इसके पश्चात यह मामला उच्चतम न्यायालय में भी प्रस्तुत किया गया, जहाँ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी विवेचना की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए सीबीआई जांच की याचिका को निरस्त कर दिया गया।
एसआईटी द्वारा की गई विस्तृत विवेचना के उपरांत निचली अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वर्तमान में यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
इस हत्याकांड में भाजपा में दायित्वधारी रहे विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य समेत तीन अभियुक्तों को कोटद्वार की कोर्ट उम्र कैद की सजा सुना चुकी है।
कैसे उठा फिर वीआईपी का विवाद
लगभग एक सप्ताह पहले भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी दूसरी पत्नी उर्मिला सनावर की परस्पर बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल हो गयी। ऑडियो क्लिप नवंबर माह की बताई जा रही है। इस बातचीत में राठौर भाजपा के दो बड़े नेताओं के नाम का जिक्र करते हैं।

इनमें एक को गट्टू संबोधित करते हुए कहते हैं कि वो उस रात वनन्तरा रिसॉर्ट जाने वाले थे। राठौर ने लगभग 30 मिनट की वार्ता में कई अन्य भाजपा नेताओं का नाम लिया है।
इस ऑडियो को उर्मिला सनावर के सोशल प्लेटफार्म में लाने के बाद विपक्षी दलों और कई सामाजिक संगठनों के अलावा जनता तीखा विरोध कर रही है।
बुलडोजर चलाने के आरोपों से सुर्खियों में आयी पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ व अन्य की तहरीर पर सुरेश राठौर और उर्मिला पर मुकदमा दर्ज हो चुका है।
माता-पिता ने कहा,अभियुक्तों को मिले फांसी
अंकिता के माता-पिता ने उर्मिला सनावर के आरोपों को सच बताते हुए सीबीआई जॉच की मांग की है। पिता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उर्मिला को सभी तथ्य कोर्ट में पेश करने चाहिए। तीन साल से न्याय नहीं मिलने से नाराज माता-पिता ने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार ने वीआईपी को बचाया।
कांग्रेस का कैंडल मार्च, सीबीआई जांच की उठी आवाज
उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी मर्डर केस की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से घंटाघर तक कैंडल मार्च निकाला गया। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोमबत्तियां जलाकर अंकिता को न्याय दिलाने की मांग की।
कैंडल मार्च को संबोधित करते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि अंकिता की हत्या केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सत्ता-संरक्षित व्यवस्था द्वारा न्याय की सुनियोजित हत्या है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शुरू से ही साक्ष्य मिटाने और आरोपियों को बचाने में लगी रही है। अगर दस दिन के अंदर सीबीआई जांच के आदेश नहीं किए गए तो ईंट से ईंट बजा देंगे।
गोदियाल ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम और भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की भूमिका पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब भाजपा के अपने लोग ‘वीआईपी संरक्षण’ की बात कर रहे हैं, तो सरकार सीबीआई जांच से क्यों बच रही है।
कांग्रेस की मांग है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच सर्वोच्च न्यायालय के सिटिंग न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए और किसी भी राजनीतिक दबाव से जांच को मुक्त रखा जाए।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने न्याय का रास्ता नहीं अपनाया तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन तेज करेगी। कांग्रेस ने दोहराया कि अंकिता को न्याय दिलाकर ही संघर्ष समाप्त होगा।

