‘गढ़ गौरव वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सम्मान–2025’ से नवाज़ी गई जौनसारी भाषा की पहली फिल्म
अविकल उत्तराखण्ड
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में उत्तराखण्ड प्रवासियों के गौरव प्रतीक गढ़वाल भवन के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में जौनसारी भाषा की पहली फिल्म “मैरे गांव की बाट” को वर्ष 2023–24 की सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंडी फिल्म घोषित किया गया। इस अवसर पर फिल्म के निर्माता-निर्देशक को “गढ़ गौरव वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सम्मान–2025” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान जौनसारी संस्कृति की विरासत, सामाजिक संरचना और मूल्यों को सिनेमा के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड की आंचलिक फिल्मों ने राज्य की विविध लोक भाषाओं, सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक यथार्थ और क्षेत्रीय समस्याओं को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन फिल्मों के विस्तार से लेखकों, गीतकारों, संगीतकारों, कलाकारों, तकनीशियनों और सिनेमाघरों से जुड़े कर्मियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं।
फिल्म “मैरे गांव की बाट” को 5 दिसंबर 2024 को उत्तराखण्ड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया था, जहाँ यह लगभग डेढ़ महीने तक हाउसफुल रही। फिल्म को समाज के सभी वर्गों से व्यापक सराहना मिली। जौनसार के पर्वतीय परिवेश में बुनी गई इसकी सशक्त कहानी, प्रभावशाली पटकथा, उत्कृष्ट गीत-संगीत और संतुलित निर्देशन इसे उत्तराखण्डी लोक भाषाओं के सिनेमा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि बनाते हैं। नारी सम्मान और संयुक्त परिवार व्यवस्था का संवेदनशील चित्रण फिल्म की विशेष पहचान है।
सुमिकल प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता के. एस. चौहान, लेखक-निर्देशक अनुज जोशी, मुख्य अभिनेता अभिनव सिंह चौहान, गीतकार श्याम सिंह चौहान तथा संगीतकार अमित वी. कपूर हैं।
उल्लेखनीय है कि द्वितीय उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड–2025 में भी फिल्म “मैरे गांव की बाट” को उसकी सशक्त विषयवस्तु और ग्रामीण जीवन के यथार्थ चित्रण के लिए स्पेशल जूरी मेंशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। गढ़वाल हितैषिणी सभा, दिल्ली द्वारा गठित चयन पैनल ने सर्वसम्मति से इस फिल्म को सम्मान हेतु चुना। यह सम्मान जौनसारी सिनेमा ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखण्डी लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है।


