अविकल उत्तराखंड
टिहरी। जनपदीय भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत सचिव संस्कृत शिक्षा, दीपक गैरोला द्वारा राजकीय संस्कृत महाविद्यालय चंबा एवं नई टिहरी का निरीक्षण किया गया। महाविद्यालयों में पहुंचने पर प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ माल्यार्पण कर स्वागत किया।
इस अवसर पर स्वस्तिवाचन, गीतापाठ, संस्कृत समूहगान सहित विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं।
निरीक्षण के उपरांत सचिव संस्कृत शिक्षा ने छात्र-छात्राओं से संवाद कर विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में 150 छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राएं उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 108 संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालय संचालित हैं। माध्यमिक स्तर पर विज्ञान एवं गणित विषय प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है, जिससे संस्कृत के विद्यार्थी भविष्य में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में भी प्रतिभाग कर सकेंगे।

सचिव ने संस्कृत के साथ एक विदेशी भाषा एवं वैदिक गणित सीखने की सलाह दी तथा प्रधानाचार्यों को छात्र संख्या बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार एवं प्रवेश उत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्कृत में निहित संभावनाओं का उल्लेख करते हुए प्रज्ञाचक्षु, मंत्रचिकित्सा जैसे विषयों पर विभागीय कार्य प्रारंभ किए जाने की जानकारी दी।
माध्यमिक स्तर की भांति महाविद्यालय स्तर पर भी छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने हेतु राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और संस्कृत के बिना इसकी परिकल्पना संभव नहीं है। इसी क्रम में प्रत्येक जनपद में एक संस्कृत ग्राम विकसित किया गया है तथा ऋषिकेश-हरिद्वार को संस्कृत नगरी बनाने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा के पदों पर भर्ती की जाएगी, जिनमें संस्कृत विषय के छात्र ही आवेदन कर सकेंगे। नियमित नियुक्तियां होने तक अकादमी से शिक्षक भेजे जाएंगे, जिससे कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन न रहे।
सचिव ने निर्देश दिए कि आसपास के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों के लिए विद्यालय समय के बाद एक घंटे का संस्कृत संभाषण शिविर आयोजित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 22 वित्त पोषित एवं 6 वित्त विहीन महाविद्यालयों का शासनादेश जारी किया जा चुका है तथा दो राजकीय महाविद्यालयों को भी इसी पद्धति से वर्गीकृत किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। चंबा में छात्रावास व्यवस्था हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिए गए।
कार्यक्रम में सहायक निदेशक टिहरी-उत्तरकाशी पूर्णानंद भट्ट, प्रधानाचार्य गुरु प्रसाद रयाल, विनोद कुमार बैंजवाल, तहसीलदार धर्मवीर प्रकाश, शिक्षक धीरज एवं शिक्षिका एकता कुडियाल सहित अन्य उपस्थित रहे।

