बाल शल्य चिकित्सा दिवस पर चलाया जागरूकता अभियान

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला। हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जौलीग्रांट में बाल शल्य चिकित्सा दिवस के अवसर पर एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात विकृतियों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करना था।

पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में आयोजित इस अभियान में विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने ओपीडी में आने वाले सभी लोगों को बच्चों में होने वाली विभिन्न विकृतियों से सम्बन्धित बीमारियों के प्रति जानकारी देकर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि बच्चों में सर्जरी की जरूरत वाली समस्याओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है – जन्मजात विकृतियां और बाद में विकसित होने वाली समस्याएं।

उन्होंने कहा कि माता-पिता की जागरूकता ही पहला बचाव है, और समय पर लिया गया निर्णय बच्चे को जीवनभर की अक्षमता से बचा सकता है। डॉ. कुमार ने बताया कि जन्मजात विकृतियां जैसे मलद्वार का विकसित न होना, खाने की नली सांस की नली से जुड़ी होना, हर्निया, पेशाब से सम्बन्धित हाइपोस्पेडिया बच्चों में होने वाली एक जन्मजात स्थिति, पेट के ट्यूमर, पथरी इत्यादि किसी भी लक्षण या बीमारी होने पर अपने बच्चों का इलाज पीडियाट्रिक सर्जन से ही कराएं।
उन्होंने बताया कि हिमालयन अस्पताल में सभी प्रकार की शिशु शल्य चिकित्सा समस्याओं से निपटने के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। यहां शिशु लैपरोस्कोपिक प्रक्रियाएं और जटिल मामलों का भी अच्छे परिणामों के साथ इलाज कर रहे हैं।

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