15 जनवरी से गेट मीटिंग
13 मार्च के बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, ने 18 सूत्रीय मांगों पर लंबे समय से कोई ठोस निर्णय न लिए जाने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर दी है।
परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा लिए गए इस निर्णय की आधिकारिक सूचना आज विधिवत रूप से मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन को सौंप दी गई है।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे और प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने बताया कि परिषद द्वारा मांगों के निराकरण को लेकर शासन एवं सरकार के स्तर पर कई दौर की वार्ताएं की गईं, किंतु शासन द्वारा लगातार मांगों को लंबित रखा गया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य कर्मचारियों में भारी असंतोष व्याप्त है और अब और प्रतीक्षा संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि दिनांक 27 दिसंबर 2025 को आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में परिषद के सभी घटक संघों, जिला एवं मंडल इकाइयों के पदाधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से राज्यव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया।
परिषद के प्रदेश प्रवक्ता आर.पी. जोशी ने जानकारी दी कि आंदोलन की शुरुआत 15 जनवरी 2026 से विभिन्न विभागों में गेट मीटिंग के माध्यम से की जाएगी। इसके बाद जिला स्तरीय धरना, प्रदेश स्तरीय धरना तथा विधायकों को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। अंततः 13 मार्च 2026 को प्रदेश स्तरीय रैली आयोजित की जाएगी, जिसके पश्चात अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परिषद के मांगपत्र में 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पदोन्नत वेतनमान सहित एसीपी का लाभ, गोल्डन कार्ड योजना के अंतर्गत कैशलेस जांच एवं ओपीडी में जनऔषधि केंद्रों से निःशुल्क दवाएं, वेतन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, एनपीएस के स्थान पर ओपीएस की बहाली सहित कुल 18 प्रमुख मांगें शामिल हैं।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री ने सभी घटक संघों तथा जिला एवं मंडल इकाइयों से आह्वान किया है कि वे घोषित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी सुनिश्चित करें।

