सफाई कर्मचारियों (पर्यावरण मित्रों) का मानदेय 500 रू. प्रतिदिन -सीएम
अविकल उत्त्तराखण्ड
उत्तराखण्ड शासन
पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग
संख्या – 546/ XXXVIII-1-22-03(06)/2021
देहरादून: दिनांक: 05 जनवरी, 2022
अधिसूचना
श्री राज्यपाल, “सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार को निम्नानुसार विनियमित किये जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं :
यह पुरस्कार विश्वविख्यात पर्यावरणविद् स्व० सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार” के नाम से जाना जायेगा, जिसके अंतर्गत प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किये गये महत्वपूर्ण योगदान, उसके प्रभाव, पर्यावरण की सुरक्षा एवं उसके समग्र सुधार के सम्बन्ध में किये गये उत्कृष्ट / सराहनीय कार्यो के लिए वर्ष 2023 से प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून के अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।
पुरस्कार की श्रेणियाँ :
सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार प्रति वर्ष 02 श्रेणियों क्रमशः सरकारी एवं गैर सरकारी में दिया जायेगा। प्रत्येक श्रेणी में 03 पुरस्कार (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय) दिये जायेंगे। प्रत्येक श्रेणी में प्रथम स्थान हेतु ₹3.00 लाख, द्वितीय स्थान हेतु ₹2.00 लाख एवं तृतीय स्थान हेतु ₹1.00 लाख की नगद धनराशि के साथ ब्रहमकमल ट्राफी भी प्रदान की जायेगी। पात्रता :
सरकारी श्रेणी हेतु उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न सरकारी विभाग / कार्यालय / निगम / बोर्ड / अभिकरण आदि एवं गैर सरकारी क्षेत्र हेतु कोई भी व्यक्ति / निजी कम्पनी / संस्थान / सामुदायिक संगठन / स्वयं सहायता समूह / एन.जी.ओ. आदि, जिसके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में प्रकृति एवं पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट कार्य किये गये हों एवं परिणाम परिलक्षित हुए हों, पुरस्कार हेतु पात्र होंगे। “प्रकृति एवं पर्यावरण शब्द की व्याख्या यथा संभव व्यापक परिप्रेक्ष्य में की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया :
उक्त पुरस्कार के आमंत्रण हेतु प्रत्येक वर्ष विस्तृत प्रचार एवं प्रसार किया जाएगा। आवेदन प्राप्त करने की कुल अवधि विज्ञापन के प्रकाशन की तारीख से 45 दिन की होगी। पर्याप्त प्रचार के लिए प्रमुख क्षेत्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जायेगा। इस विज्ञापन को राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड की वैबसाईट पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों/कार्यालयों / निगमों / बोर्डो / अभिकरणों आदि तथा कोई भी नागरिक / निजी कम्पनी / संस्थानों / सामुदायिक संगठनों / स्वयं सहायता समूहों / एन.जी.ओ. आदि जिनके द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय / उत्कृष्ट कार्य किये गये हों, “सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार हेतु आवेदन के पात्र होंगे। स्वतः भिजवाए गए अथवा किसी अन्य के द्वारा आवेदित
आवेदनों पर भी विचार किया जाएगा। आवेदन कर्ता द्वारा आवेदन के साथ निम्नलिखित सूचनाएं भेजी जाएँगी – आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह (सरकारी अथवा गैर सरकारी) का नाम, पता तथा
i.
अन्य विवरण,
ii. कार्य का क्षेत्र: iii. आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किया गया उल्लेखनीय योगदान,
iv. आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किए गए कार्यों से उत्पन्न प्रभाव अथवा संभावित प्रभाव: आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह को पूर्व में प्रकृति एवं पर्यावरण के क्षेत्र में प्राप्त
V.
पुरस्कार प्रशस्ति पत्र, अनुशंसा, प्रिन्ट मीडिया / सोशल मीडिया में प्राप्त
मान्यता संबंधी प्रमाण-पत्र आदि, vi.: आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किये गये उत्कृष्ट / सराहनीय कार्य संबंधी फोटो एवं वीडियो आदि;
विज्ञापन प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी किया जाएगा। आवेदन प्राप्त किए जाने हेतु 45 दिन का समय दिया जायेगा। आवेदनकर्ता द्वारा स्वहस्ताक्षरित आवेदन, ऑफ • लाईन अथवा ऑन-लाईन माध्यम से निदेशक, राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय को भेजा जायेगा। आवेदनों का परीक्षण एवं सत्यापन :
प्राप्त आवदनों के परीक्षण एवं सत्यापन हेतु राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड द्वारा प्राप्त आवेदनों का पुरस्कार हेतु निर्धारित पात्रता के आधार पर परीक्षण एवं सत्यापन करते हुए सरकारी एवं गैर सरकारी श्रेणियों में वर्गीकरण का कार्य 15 मार्च तक सम्पन्न किया जायेगा। सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार चयन समितिः
राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय द्वारा प्राप्त आवेदनों के परीक्षण एवं सत्यापनोपरान्त वर्गीकृत आवेदनों की सूची, कार्यों तथा उपलब्धियों का विवरण चयन समिति के समक्ष रखा जायेगा। चयन समिति निम्नानुसार होगी
(1) मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन
(2) अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव,
वन विभाग, उत्तराखण्ड शासन (3) प्रमुख सचिव / सचिव, पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन
(4) प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) उत्तराखण्ड
(5) निदेशक, राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं
जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड
(6) निदेशक, जी०बी०पत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान,
कोसी कटारमल, अल्मोड़ा
– अध्यक्ष
सदस्य
सदस्य
– सदस्य
सदस्य
सदस्य
आवेदनों पर भी विचार किया जाएगा। आवेदन कर्ता द्वारा आवेदन के साथ निम्नलिखित सूचनाएं भेजी जाएँगी – आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह (सरकारी अथवा गैर सरकारी) का नाम, पता तथा
i.
अन्य विवरण,
ii. कार्य का क्षेत्र: iii. आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किया गया उल्लेखनीय योगदान,
iv. आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किए गए कार्यों से उत्पन्न प्रभाव अथवा संभावित प्रभाव: आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह को पूर्व में प्रकृति एवं पर्यावरण के क्षेत्र में प्राप्त
V.
पुरस्कार प्रशस्ति पत्र, अनुशंसा, प्रिन्ट मीडिया / सोशल मीडिया में प्राप्त
मान्यता संबंधी प्रमाण-पत्र आदि, vi.: आवेदन कर्ता व्यक्ति / समूह द्वारा किये गये उत्कृष्ट / सराहनीय कार्य संबंधी फोटो एवं वीडियो आदि;
विज्ञापन प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी किया जाएगा। आवेदन प्राप्त किए जाने हेतु 45 दिन का समय दिया जायेगा। आवेदनकर्ता द्वारा स्वहस्ताक्षरित आवेदन, ऑफ • लाईन अथवा ऑन-लाईन माध्यम से निदेशक, राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय को भेजा जायेगा। आवेदनों का परीक्षण एवं सत्यापन :
प्राप्त आवदनों के परीक्षण एवं सत्यापन हेतु राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड द्वारा प्राप्त आवेदनों का पुरस्कार हेतु निर्धारित पात्रता के आधार पर परीक्षण एवं सत्यापन करते हुए सरकारी एवं गैर सरकारी श्रेणियों में वर्गीकरण का कार्य 15 मार्च तक सम्पन्न किया जायेगा। सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार चयन समितिः
राज्य, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय द्वारा प्राप्त आवेदनों के परीक्षण एवं सत्यापनोपरान्त वर्गीकृत आवेदनों की सूची, कार्यों तथा उपलब्धियों का विवरण चयन समिति के समक्ष रखा जायेगा। चयन समिति निम्नानुसार होगी
(1) मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन
(2) अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव,
वन विभाग, उत्तराखण्ड शासन (3) प्रमुख सचिव / सचिव, पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन
(4) प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) उत्तराखण्ड
(5) निदेशक, राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं
जलवायु परिवर्तन निदेशालय, उत्तराखण्ड
(6) निदेशक, जी०बी०पत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान,
कोसी कटारमल, अल्मोड़ा
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– अध्यक्ष
सदस्य
सदस्य
– सदस्य
सदस्य
सदस्य
मुख्यमंत्री ने की सफाई कर्मचारियों (पर्यावरण मित्रों) का मानदेय 500 रू. प्रतिदिन किये जाने की घोषणा
पर्यावरण मित्रों हेतु 2 लाख के बीमे की व्यवस्था की जायेगी।
पर्यावरण मित्रों का सफाई-धुलाई भत्ता बढ़ाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री भगवत प्रसाद मकवाना के नेतृत्व बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड स्वच्छकार कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने भेंट की। उन्होंने सफाई कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी के साथ ही कर्मचारियों की अन्य कई समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण मित्रों (सफाई कर्मचारियों) का मानदेय 500 रू. प्रतिदिन किये जाने, पर्यावरण मित्रों हेतु 02 लाख रूपये के बीमे की व्यवस्था किये जाने तथा पर्यावरण मित्रों का सफाई-धुलाई भत्ता बढ़ाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग के ढ़ांचे (पर्यावरण मित्रों सहित) पुनरिक्षित किये जाने की भी घोषणा की। इस संबंध में उपसचिव मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सचिव नगर विकास विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
कैबिनेट के फैसले
आज शासकीय प्रवक्ता श्री सुबोध उनियाल ने कैबिनेट निर्णय की जानकारी दी।
- वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन के साथ ही दिव्यांग पेंशन को 1200 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये करने का निर्णय किया गया।
- शिक्षा मित्रों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने का निर्णय किया गया।
- आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने से संबंधित पत्रावलि पर अनुमोदन देने हेतु राज्यपाल महोदय से पुनः अनुरोध करने का निर्णय किया गया।
- उद्यान विभाग एवं कृषि विभाग के एकीकरण हेतु सैद्धांतिक सहमति के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
- उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड में एक ही विज्ञप्ति के आधार पर कार्य करने वाले ऐसे कार्मिक जिन्हें पुरानी पेंशन से वंचित किया था उनको एक ही विज्ञप्ति के आधार पर पुरानी पेंशन में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
- चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य के पदों को आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग के अधीन आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा विभाग के विभागीय ढांचे में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
- 112 चिकित्सालयों में (1 महिला, 1 पुरूष) 224 पदों के सृजन करने का निर्णय लिया गया
- आयुष विभाग में होम्योपेथिक एवं आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को एसीपी देने का निर्णय लिया गया।
- सुगर मिल में मृतक आश्रितों को नौकरी देने का निर्णय लिया गया।
- राजकीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दी गयी।
- पेयजल एवं पेयजल संस्थान में पे प्रोटेक्शन के लिये विभागीय सचिव से वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया गया।
- गंगोलीहाट नगर पंचायत को नगर पालिका में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया गया।
- निजी सुरक्षा नियमावली 2021 को मंजूरी दी गयी।
- वित्तीय हस्त पुस्तिका में संशोधन करने का निर्णय लिया गया।
- उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटीगेशन न्यूनीकरण सेंटर(उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र) बनाने का निर्णय लिया गया।
- सभी पूर्व सैनिकों को स्थानीय निकाय में हाउस टैक्स से छूट देने का निर्णय लिया गया।
- पर्यटन की दृष्टि से आवासीय भवन नीति में शिथिलता देने का निर्णय लिया गया।
- ऋषिकेश आईडीपीएल और हल्द्वानी में बनाये गये 500 कोविड बेड हॉस्पिटल को 2022 तक चलाने का निर्णय लिया गया।
- उद्यान विभाग के अंतर्गत 94 बागान को श्रेणी ए को विभागीय मोड में, श्रेणी बी को 20 वर्षीय शार्ट टर्म लीज पर और श्रेणी सी को 30 वर्षीय लांग टर्म लीज पर देने का निर्णय लिया गया।
- स्टेट डाटा सेंटर 2022 को मंजूरी दी गयी।
- आईटीडीए सूचना प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण में प्रोजेक्शन मैनेजमेंट सेल बनाने का निर्णय लिया गया।
- सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई में 17 संविदा कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
- जैविक कृषि अधिनियम 2021 के अंतर्गत नियमावली बनाने का निर्णय लिया गया।
- नर्सरी एक्ट 2021 के अंतर्गत नियमावली बनाने का निर्णय लिया गया।
- प्रधानमंत्री राज्य पोषित फसल बीमा के अंतर्गत कृषकों के लिये बीमा कवरेज बढ़ाने हेतु कृषकों का शेयर अंशदान दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया।
- मंडी एक्ट में संशोधन करते हुए 2 प्रतिशत शुल्क में 1 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार पूर्व डेड प्रतिशत सैस के अतिरिक्त 1 प्रतिशत शुल्क देना होगा।
- शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय में कैरियर एडवांसमेंट नीति लाने का निर्णय लिया गया।
- यूजीसी के अंतर्गत नियुक्ति में पीएचडी की अनिवार्यता के लिये कार्यरत संकाय सदस्यों को 20 प्रतिशत को अध्ययन हेतु अवकाश की अनुमति होगी।
- सस्ता गल्ला व्यापारियों हेतु 50 रूपये प्रति कुंतल ढुलान, की तरह प्रति कुंतल मुख्यमंत्री दलहन में भी 50 प्रतिशत प्रति कुंतल ढुलान देने का निर्णय दिया गया।
- ऊधम सिंह नगर में सिडकुल और लोनिवि की भूमि पर बने सड़क की मरम्मत जो है जैसा है के आधार पर लोनिवि को देने का निर्णय लिया गया।
- नायब तहसीलदार के लिये उत्तराखण्ड अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक नियमावली में आंशिक संशोधन करते हुए नायब तहसीलदार पद पर चयनित कार्मिकों के संबंध में विहित प्रशिक्षण अवधि दिनांक 22.08.13 से दिनांक 04.01.2014 को सेवा में जोड़ने का निर्णय लिया गया।
- लक्सर के ग्राम प्रहलादपुर, शाहपुर एवं मदारपुर में 32.39 है. भूमि को सिडकुल हेतु स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
- नगर पालिका परिषद गरूड कार्यालय हेतु 0.56 है. भूमि निःशुल्क देने का निर्णय लिया गया।
- केन्द्र पोषित एक्शन प्लान स्मार्ट नीति के अंतर्गत विद्युत केबल कार्य हेतु 3 हजार, 491 करोड़ रूपये की मंजूरी।
- पिडकुल, यूपीसीएल में भूमिगत लाइन, हाईटेंशन लाइन संबंधी कार्यों के लिये 1676.52 करोड़ रूपये का डीपीआर केन्द्र सरकार की शर्तों पर दिया जायेगा।
- किच्छा में एम्स की स्थापना हेतु सिडकुल द्वारा उपलब्ध करायी गयी भूमि के एवज में सिडकुल को ग्राम खुर्पिया में भूमि आवंटित की गयी, जिसके शासनादेश में त्रुटिवश अंकित शुल्क रू. 35,00,000/ के स्थान पर रू. 1,03,50,000/ संशोधित किये जाने का प्रस्ताव को मंजूरी।
- उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखण्ड के विभिन्न अनुभागों के श्रेणी ख के पदों की पुनर्संरचना/पुनर्गठन एवं उत्तराखण्ड उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण समूह क सेवा (संशोधन) नियमावली – 2022 एवं उत्तराखण्ड उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण समूह ख सेवा (संशोधन) नियमावली -2022 को मंजूरी।
- केन्द्र पोषित, पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना को मंजूरी। योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग तथा विद्युत अवसंरचना कार्यों के लिये कुल रू. 3,491 करोड़ का प्रस्ताव योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप केन्द्र सरकार को अनुमोदन हेतु प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया।
- उत्तराखण्ड फल पौधशाला (विनियमन) नियमावली, 2021 के प्रख्यापन को मंजूरी।
- एडीबी से वित्त पोषित Uttarakhand Transmission Strenghthening & Distribution Improvement Programme योजना के अंतर्गत फंडिंग पैटर्न को मंजूरी।
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कैबिनेट- धामी कैबिनेट के अहम फैसले
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