पौड़ी में तीन दिवसीय वन पंचायत सदस्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर जतायी चिंता
अविकल उत्तराखण्ड
पौड़ी । तीन दिवसीय वन पंचायत सदस्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन पंचायतों के सशक्तिकरण के अलावा जंगली जानवरों के मानव पर हमले और खेती में नुकसान पर मंथन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के वानिकी और प्राकृतिक संसाधन विभाग की ओर आयोजित की गई।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वन पंचायत संस्थानों को सशक्त करना था, जिसमे विभिन्न 26 वन पंचायतों के सरपंच और सदस्यों ने भाग लिया ।
कार्यशाला में लोगों को प्रो० आर सी सुंदरियाल ने ( वानिकी और प्राकृतिक संसाधन विभाग, HNBGU) वनों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ उन्होंने सतत विकास संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की। जाने माने वन पंचायत कार्यकर्ता हेम गैरोला ने वन पंचायत के इतिहास और नीतियों के बारे में जानकारी साझा की।
पहले दिन प्रो० यू सी गैरोला जी ( HNBGU पौड़ी) , डॉ जे एस बुटोला ( असिस्टेंट प्रोफेसर HNBGU) , आशीष तिवारी ( F.R.O.सिविल और सोयम वन प्रभाग पौड़ी) और ललित मोहन सिंह (F.R.O. गढ़वाल वन प्रभाग) मौजूद रहे ।
कार्यशाला के दूसरे दिन हेम गैरोला ने वन पंचायत सदस्यों को सूक्ष्म योजना बनाने की जानकारी दी और साथ ही प्रसिद्ध शिकारी जोय हुकिल ने ह्यूमन वाइल्डलाइफ कॉन्फ्लिक्ट ( Human- Wildlife conflict) के मुख्य कारणों और उन्हें कम करने के उपायों पर प्रकाश डाला।
सिविल सोयम वन विभाग पौड़ी के DFO करुणा निधि भारती ने वनों से संबंधित जानकारी देते हुए राज्य सरकार की योजनाओं एवम वन पंचायतों के गठन के मुद्दो पर जानकारी दी।
कार्यशाला के तीसरे दिन शहरी वन पंचायतों के विभिन्न मुद्दों एवम उनके निवारण के बारे में चर्चा हुई और साथ ही ग्रामीण वन प्रबंधन को मजबूत करने और उसका सुदृढ़ीकरण करने के लिए एक साथ आगे आकर मिलकर काम करने के लिए भी लोगो को प्रोत्साहित किया।
इस बैठक में प्रो० आर सी सुंदरियाल, हेम गैरोला , हरीश झिलडियाल ( डिप्टी रेंजर सिविल सोयम वन प्रभाग पौड़ी) , श्रीमती यशोदा नेगी, अक्षय सैनी ( शोध छात्र) , रेखा राना ( शोध छात्रा), अशोक मीना ( शोध छात्र), प्रिय बंसल ( शोध छात्रा) और शहरी वन पंचायतों चविंचा, कंडोलिया, केवर्स, पौड़ी कांडाई, राईं गांव इत्यादि के सदस्य उपस्थित थे।
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