10वीं बोर्ड रिजल्ट में 1.28 फीसदी गिरावट, सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, केवल 80.38 प्रतिशत छात्र हुए पास

अविकल उत्तराखंड / नई दिल्ली। इस वर्ष 2023 में सीबीएसई दसवीं बोर्ड का रिजल्ट बीते वर्ष के मुकाबले कम रहा है। स्वयं सीबीएसई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष जहां 94.40 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 93.12 प्रतिशत छात्र पास हो सके हैं। यानी कि बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 10वीं के नतीजों में 1.28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सबसे बुरा हाल सरकारी स्कूलों का रहा। यहां केवल 80.38 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष 12वीं बोर्ड के औसत रिजल्ट में भी 5 फीसदी से भी अधिक की गिरावट आई है।

सीबीएसई 10वीं कक्षा के ओवरऑल रिजल्ट में जहां 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है तो इसका असर बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लडक़ों और लड़कियों के रिजल्ट पर भी दिखाई दिया है। सीबीएसई के मुताबिक बीते वर्ष 95.21 परसेंट लड़कियां दसवीं बोर्ड परीक्षा में पास हुई थीं। इस वर्ष 94.25 प्रतिशत लड़कियां 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर सकी हैं। इसी तरह बीते वर्ष 93.80 प्रतिशत लडक़े 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पास हुए थे और इस वर्ष 92.27 प्रतिशत लडक़े ही 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर सके हैं।

सीबीएसई के मुताबिक देश भर में सबसे बेहतर रिजल्ट देने में जहां जवाहर नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय अव्वल हैं, वहीं सरकारी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल सबसे पीछे हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय में सीबीएसई दसवीं कक्षा का पास प्रतिशत 99.14 रहा है। ऐसे ही केंद्रीय विद्यालयों में 98 फीसदी बच्चे पास हुए हैं। तीसरा नंबर प्राइवेट व इंडिपेंडेंट स्कूलों का है यहां 95.27 फीसदी छात्र दसवीं बोर्ड परीक्षा में पास हुए हैं। चौथे नंबर पर सेंट्रल तिब्बतन स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन है जहां 93.86 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। चौथे पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल व अंतिम पायदान पर सरकारी स्कूल हैं।

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में केवल 81.57 छात्र पास हो सके और सरकारी स्कूलों में सबसे कम 80.38 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। सीबीएसई बोर्ड ने 12 मई को दसवीं कक्षा का बोर्ड रिजल्ट घोषित कर दिया है। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में कुल 93.12 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। गौरतलब है कि दसवीं बोर्ड परीक्षा, देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा में 21लाख 65हजार 805 छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 20 लाख 16 हजार 779 छात्र पास हुए हैं। इनमें से 2 प्रतिशत छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं।

दसवीं बोर्ड परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थियों में से 94.25 प्रतिशत लड़कियां हैं। लड़कियों से लगभग 2 प्रतिशत कम 92.27 फीसदी लडक़े दसवीं बोर्ड परीक्षा में पास हुए हैं। वहीं यदि ट्रांसजेंडर छात्रों की बात की जाए तो 90 प्रतिशत ट्रांसजेंडर छात्र 10वीं सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं।

सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक दसवीं कक्षा के रिजल्ट में भी त्रिवेंद्रम रीजन देश भर में अव्वल रहा है। त्रिवेंद्रम रीजन के 99.91 प्रतिशत छात्र 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पास हुए हैं। दूसरे नंबर पर 99.18 प्रतिशत के साथ बेंगलुरु है। तीसरे स्थान पर 99.14 पास प्रतिशत के साथ चेन्नई है।

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