जनजातीय क्षेत्रों में प्रति गांव होम स्टे के लिए मिलेंगे 5 करोड़ तक
सांसद त्रिवेंद्र रावत ने संसद में उठाया होम स्टे का मुद्दा
अविकल उत्तराखंड
नई दिल्ली। हरिद्वार सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए होम स्टे को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने का मुद्दा उठाया।
इस पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लिखित उत्तर में बताया कि 2025–26 के बजट में होम स्टे इकाइयों के लिए संपार्श्विक रहित संस्थागत ऋण (Collateral Free Loans) की घोषणा की गई है ताकि देश भर में होम स्टे स्थापित करने को बढ़ावा दिया जा सके।

मंत्री ने बताया कि —
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत देश भर में 1000 होम स्टे विकसित किए जाएंगे।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 5–6 गांवों के समूह में प्रति गांव 5–10 होम स्टे के लिए अधिकतम ₹5 करोड़ तक की सहायता केंद्र सरकार देगी।
उत्तराखंड के चकराता, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जैसे जनजातीय क्षेत्रों में इस योजना के तहत समूह आधारित होम स्टे स्थापित होंगे।
पर्यटन मंत्रालय की “अतुल्य भारत बेड एंड ब्रेकफास्ट” योजना के तहत होम स्टे को “स्वर्ण” और “रजत” श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा रहा है, ताकि गुणवत्ता बेहतर हो और पर्यटकों को उत्कृष्ट अनुभव मिले।
इसके साथ ही, क्षमता निर्माण योजना (CBSP) के तहत होम स्टे मालिकों, टूर गाइड्स और आतिथ्य क्षेत्र के अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण और प्रमाणन दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे।
डिजिटल भारत की दिशा में पर्यटन मंत्रालय ने “अतुल्य भारत” वेबसाइट को एक वन स्टॉप डिजिटल मंच के रूप में विकसित किया है, जहां होम स्टे बुकिंग सहित अन्य पर्यटन सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। निजी क्षेत्र की कई कंपनियां भी OTA प्लेटफॉर्म्स के जरिए होम स्टे बुकिंग की सुविधा दे रही हैं।

