स्मृति शेष-उर्मिल जी आज नक्कारा कुछ भी नहीं बोल रहा, बिलकुल खामोश

लखनऊ से जगदीश जोशी उर्मिल जी से पहली बार अब से करीब सैंतीस वर्ष पूर्व ‘स्वतंत्र…