खारिज हुई जमानत, किया आत्मसमर्पण
अविकल उत्तराखंड
रामनगर। प्रतिबंधित मांस प्रकरण में फरार चल रहे मुख्य आरोपी और हिंदूवादी नेता मदन जोशी ने मंगलवार दोपहर नाटकीय तरीके से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पुलिस लगातार उनकी तलाश में दबिश दे रही थी, वहीं पुलिस को भी अंदेशा था कि वह किसी भी समय आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
पुलिस ने कोतवाली के बाहर सुरक्षा व्यवस्था और गिरफ्तारी की तैयारी कर रखी थी, लेकिन मदन जोशी पुलिस को चकमा देकर स्कूटी पर सवार होकर सीधे कोतवाली के अंदर पहुंचे और स्वयं को पुलिस के हवाले कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और विधायक दीवान सिंह बिष्ट कोतवाली पहुंच गए। विधायक बिष्ट ने कहा कि मदन जोशी भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष हैं और वह हमेशा कानून का सम्मान करते आए हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए जोशी ने स्वयं आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण से पूर्व जारी एक वीडियो संदेश में मदन जोशी ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा था कि यह मुकदमा राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से दर्ज किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग की और आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके परिवार को अनावश्यक रूप से प्रताडि़त किया।
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को छोई क्षेत्र में बरेली से मीट लेकर जा रहे पिकअप चालक नासिर हुसैन पर भीड़ ने हमला किया था, जिसमें नासिर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
नासिर की पत्नी नूरजहां की शिकायत पर दर्ज मुकदमे में पुलिस अब तक लगभग 15 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। हाइकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद माना जा रहा था कि पुलिस जोशी को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन उससे पहले उन्होंने स्वयं उपस्थित होकर आत्मसमर्पण कर दिया।
गिरफ्तारी के लिए पुलिस बना रही थी रणनीति
मदन जोशी को गिरफ्तार करने की रणनीति पुलिस ने कई दिनों से तैयार कर रखी थी। पुलिस सूत्र बतातें हैं कि आशंका थी कि मदन किसी समय कोतवाली पहुंच सकते हैं, इसलिए कोतवाली के बाहर टीम तैनात थी। लेकिन, उनका सीधा अंदर पहुंचना पुलिस को आश्चर्य में डाल गया। पुलिस अधिकारी इसे जोशी की सोची-समझी रणनीति और राजनीतिक संकेतों के रूप में देख रहे हैं।

