उमेश शर्मा के फेसबुक वीडियो के गलत तथ्य छापने का आरोप
अमृतेश, उमेश , क्राइम स्टोरी व पर्वतजन पोर्टल पर सरकार को अस्थिर व मानहानि का आरोप
विभिन्न गंभीर धाराओं 420,467,468,469,471 व 120 बी में मुकदमा दर्ज
अविकल उत्तराखंड ब्यूरो
देहरादून पुलिस ने सांध्य दैनिक क्राइम स्टोरी के सम्पादक राजेश शर्मा को 31 जुलाई की रात गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में डिफेंस कालोनी निवासी अवकाश प्राप्त प्रोफेसर हरेंद्र रावत ने 31 जुलाई को थाना नेहरू कॉलोनी में तहरीर दी थी। तहरीर में कहा गया कि उमेश शर्मा के फेसबुक वीडियो की बातों को क्राइम स्टोरी, पर्वतजन पोर्टल व पहाड़ टीवी ने छापने/दिखाने से उनकी छवि धूमिल हुई है। उधर, राजेश की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया में काफी सरगर्मी देखने को मिली।
तहरीर में कहा गया है कि उनकी पत्नी सविता रावत को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की पत्नी की सगी बड़ी बहन बताया गया। जो कि सरासर गलत है। इसके अलावा वीडियो में उनके व उनकी पत्नी के खातों में झारखंड से पैसा जमा होने की भी बात कही गयी। इससे उनके परिवार की मानहानि हुई है
उधर, नेहरू थाना पुलिस ने जारी प्रेस नोट में विस्तार से तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजपत्रित अधिकारी की जांच में फेसबुक वीडियो के तथ्यों के कूटरचित (छेड़छाड़) होने का प्रमाण पाया गया। प्रेस नोट में कहा गया कि उक्त वीडियो की बातों को पहाड़ टीवी, पर्वतजन पोर्टल और क्राइम स्टोरी ने अपने यहां संचालित किया और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया। तथ्यों की गहन पड़ताल के बाद सभी तथ्य कूटरचित पाए गए। पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी को जाल बिछा दिया है।
मामले की गंभीरता देखते हुए एसपी क्राइम की निगरानी में एसआईटी गठन कर मामले की गहन जांच की जाएगी। इससे पूर्व उमेश शर्मा व पर्वतजन पोर्टल के शिव सेमवाल विभिन्न धाराओं में जेल जा चुके हैं।
शनिवार को राजेश की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया में पत्रकार संगठन विशेष चर्चा करते नजर आए। उधर, यह भी चर्चा आम रही कि सांध्य दैनिक क्राइम स्टोरी चलाने वाले पत्रकार राजेश शर्मा ने पूर्व में देहरादून के लोकप्रिय सांध्य दैनिक वैली मेल से अपने करियर की शुरुआत की।
राजेश के साथ काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकारों का मानना है पिछले काफी समय से राजेश व पर्वतजन पोर्टल के शिवप्रसाद सेमवाल की उमेश से काफी नजदीकियां बढ़ गयी थी। सेमवाल को भी जेल जाना पड़ा था। हाल ही में एक अधिकारी के खिलाफ सोशल मीडिया में लिखने पर पत्रकार शूरवीर भंडारी व गुणानंद जखमोला को भी थाने तलब किया गया था।
इससे पहले 31 जुलाई की रात पुलिस का राजेश के घर जाना और फिर साथ ले जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया में दिन भर तैरता रहा।
प्रेस नोट :- थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून
दिनांक: 31-07-2020 को वादी डाॅ0 हरेन्द्र सिंह रावत निवासी: एस-1, डी-6 डिफेंस कालोनी देहरादून द्वारा थाना नेहरूकालोनी में लिखित तहरीर दी की वह एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं तथा वर्तमान में कालेज आफ एज्यूकेशन मियावाला में प्रबन्धक के पद पर नियुक्त हैं।
कुछ समय पूर्व उनके एक परिचित श्री ज्योति विजय रावत द्वारा उन्हें जानकारी दी कि उमेश शर्मा नामक एक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट की, जिसमें उनके तथा उनकी पत्नी श्रीमती सविता रावत के बैंक खातों में नोटबंदी के दौरान झारखण्ड से एक व्यक्ति अमृतेश चौहान द्वारा स्वंय को झारखण्ड गौ- सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने की एवज में रिश्वत की धनराशि श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को देने हेतु भेजी गयी तथा धनराशि के लेन-देन से सम्बन्धित कुछ कूटरचित दस्तावेज भी वीडियों के माध्यम से दर्शित किये गये, साथ ही उनकी पत्नी का मां0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की धर्म पत्नी की सगी बडी बहन होने का दावा किया गया।
उमेश शर्मा व अमृतेश चौहान द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक सोची-समझी साजिश के तहत उनकी निजि सूचनाओं को गैरकानूनी तरीके से प्राप्त करते हुए सार्वजनिक किया। इस सम्बन्ध में उनके द्वारा अपने ऊपर उमेश शर्मा द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच हेतु लिखित प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मुख प्रेषित किया गया, जिस पर राजपत्रित अधिकारी द्वारा वीडियो में उल्लेखित सभी तथ्यों की जांच की गयी तथा जांच में उक्त सभी तथ्य व दस्तावेज कूटरचित पाये गये।
उमेश शर्मा द्वारा अपने अन्य साथियों, जो पर्वजन पोर्टल, पहाड टीवी समाचार चैनल तथा क्राइम स्टोरी समाचार पत्र संचालित करते हैं, के माध्यम से इस प्रकार की असत्य तथा निराधार व कपटपूर्ण खबरें अपने समाचार चैनल, पोर्टल पर चलायी गयी तथा अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करते हुए उनकी छवि को धूमिल करते हुए सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया।
चूंकि उक्त मामला अत्यंत गम्भीर प्रवृत्ति का था, जिस पर तत्काल अभियोग पंजीकृत करते हुए टीम गठित की गयी। गठित टीम द्वारा विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए वादी तथा गवाहों के बयान लिये गये तथा उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखीय साक्ष्यों तथा उक्त प्रसारित वीडियो व पुरानी पत्रावलियों का गहनता से अवलोकन किया गया।
साक्ष्यों के अवलोकन से पाया गया कि उमेश शर्मा द्वारा अमृतेश चौहान, शिव प्रसाद सेमवाल तथा राजेश शर्मा के साथ मिलकर एक सोची-समझी साजिश के तहत सरकार को अस्थिर करने तथा सरकार व मां0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के विरूद्ध आम जन-मानस में भ्रान्ति, अप्रीति तथा घृणा उत्पन्न करने के उद्देश्य से कूटरचित दस्तावेजों को प्रदर्शित करते हुए उक्त भ्रामक वीडियो प्रसारित किया गया तथा लगातार अपने सामाचार चैनल, पोर्टल व समाचार पत्र के माध्यम से झूठी व भ्रामक खबरें प्रसारित की गयी। जिस पर तत्काल अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी हेतु एक टीम गठित की गयी तथा गठित टीम उक्त अभियोग में अभियुक्त राजेश शर्मा को दिनाक: 31-07-2020 की रात्रि सुमन नगर, चोरखाला से गिरफ्तार किया गया। अन्य अभियुक्तों की यथाशीघ्र गिरफ्तारी हेतु टीम को निर्देशित किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त को आज माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।
उक्त अभियोग की गम्भीरता के दृष्टिगत अभियोग के समयबद्ध विधिक निस्तारण हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस अधीक्षक अपराध के पर्यवेक्षण में एसआईटी गठित की गयी है, जिसमें उ0नि0 दिलबर सिंह नेगी थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी, उ0नि0 धर्मेन्द्र रौतेला थानाध्यक्ष प्रेमनगर, उ0नि0 नत्थीलाल उनियाल थानाध्यक्ष बसन्त विहार, उ0नि0 आशीष रावत चौकी प्रभारी बाईपास तथा कां0 दीप प्रकाश को नामित किया गया है।
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