आशंका- दिल्ली–दून–ऋषिकेश पर बढ़ा बड़े भूकंप का खतरा

नया भूकंप हज़र्ड मैप जारी- पूरा हिमालय सबसे खतरनाक जोन में

उत्तर भारत 61% इलाके के साथ हाई-रिस्क ज़ोन में पहुँचा

अविक्ल उत्तराखण्ड

देहरादून। देश में भूकंप के बढ़ते जोखिम को लेकर केंद्रीय एजेंसियों ने नया अर्थक्वेक हज़र्ड मैप जारी किया है, जिसने विशेषज्ञों और आम नागरिकों दोनों की चिंता बढ़ा दी है।

नए वैज्ञानिक आंकलन में दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार सहित पूरा हिमालयी क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील बताया गया है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि पहली बार पूरा हिमालय ‘सबसे खतरनाक जोन’ में शामिल किया गया है।

वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले 200 वर्षों में मध्य हिमालय में कोई बड़ा भूकंप न आने से भीषण ऊर्जा दबाव जमा हो चुका है, जो किसी भी समय विनाशकारी झटके का रूप ले सकता है।

इसके अलावा तेजी से बढ़ता शहरीकरण, ऊंची इमारतें और कमजोर निर्माण मानक दिल्ली, देहरादून और ऋषिकेश जैसे शहरों के लिए जोखिम को और बढ़ा रहे हैं।

उत्तर भारत पर खतरा क्यों बढ़ा?

भारत और यूरेशिया प्लेटों की टक्कर दुनिया की सबसे तेज़ भू-गतिविधियों में से एक है।

इंडियन प्लेट हर साल लगभग 5 सेंटीमीटर उत्तर की ओर बढ़ रही है।

यह निरंतर दबाव हिमालय के नीचे भारी ऊर्जा जमा कर रहा है।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दबाव अचानक रिलीज होने पर 8 रिक्टर या उससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है।

देश का 61% हिस्सा अब ‘उच्च खतरे’ में

नए भूकंपीय नक्शे के अनुसार, पहले केवल 38% क्षेत्र मध्यम से गंभीर जोखिम में था,अब यह बढ़कर 61% हो गया है।

दिल्ली–एनसीआर, उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू–कश्मीर, बिहार, असम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।

हिमालय दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप ज़ोन क्यों?

दो विशाल प्लेटों की सबसे तेज़ टक्कर वाला इलाका

लंबे समय से जमा ऊर्जा का रिलीज़ न होना

1803, 1833, 1905 और 1934 में आए बड़े भूकंपों के बाद से कोई बड़ी गतिविधि नहीं

विशेषज्ञों के अनुसार ‘साइलेंट ज़ोन’ अक्सर खतरनाक मेगा-क्वेक की चेतावनी होते हैं

उत्तराखंड–नेपाल–हिमाचल बेल्ट में 8+ तीव्रता वाले भूकंप की आशंका

क्या करना जरूरी है?

पुराने घरों, स्कूलों और अस्पतालों की भूकंप-रोधी जांच

नई इमारतों में आधुनिक भूकंप-रोधी मानकों का पालन अनिवार्य

मोहल्लों और संस्थानों में नियमित मॉक ड्रिल

घर में हमेशा इमरजेंसी किट तैयार रखें

परिवार के सभी सदस्यों को गैस, बिजली और पानी के मुख्य वाल्व की जानकारी हो

(विभिन्न समाचार स्रोत)

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