हरक ने हिमाचल के गुरुद्वारे में की कारसेवा, मांगी माफी

गलती को स्वीकारना ही सच्ची सेवा -हरीश रावत

बिगड़े बोल के बाद प्रायश्चित करना कांग्रेस की नौटंकी-भाजपा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। सिख समुदाय पर अनर्गल टिप्पणी से उठे तूफान को शांत करने के लिए कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरक सिंह रावत पोंटा साहिब के गुरुद्वारे पहुंचे। कार सेवा की और मांगी माफी।

उधर, पूर्व सीएम हरीश रावत सोमवार 8 दिसंबर को गुरुद्वारे में कारसेवा करेंगे। हरदा ने इस बाबत सोशल मीडिया में एक पोस्ट भी साझा की है।

इस बीच, भाजपा ने हरक व कांग्रेस नेताओं की माफी को नौटंकी करार दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सिख समुदाय से माफी मांग कर उठे ज्वार को शांत करने की कोशिश की।
पूर्व मंत्री हरक के बोल के बाद राजनीतिक नफे-नुकसान का भी आंकलन किया जा रहा है। सिख समुदाय अपनी नाराजगी जताते हुए हरक का पुतला दहन कर चुका है।

रविवार को हरक सिंह रावत गुरुद्वारा पोंटा साहिब पहुंचे । जो श्री गुरु गोविन्द सिंह जी का पावन स्थान है। सिख परंपरा के प्रति श्रद्धा रखते हुए उन्होंने गलती से बोले गए उनके शब्दों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब से माफ़ी माँगी और पश्चाताप व्यक्त करते हुए जोड़ा घर (जहाँ संगत के जूतों होते हैं) की सेवा की।


पूर्व मंत्री हरक सिंह ने लंगर रसोई में सेवा की। उन्होंने गुरु साहिब की हाज़िरी में अरदास कर सार्वजनिक रूप से क्षमा माँगी ।  और गुरु साहिब के चरणों में प्रसाद अर्पित किया।

पिछले दिनों उत्तराखंड कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत  ने अपने संबोधन में सिख अधिवक्ता के संदर्भ में अनर्गल टिप्पणी कर दी।  उसी क्षण उन्हें अपनी भूल का अहसास हो गया और उन्होंने तुरंत उस अधिवक्ता से क्षमा भी मांग ली थी।

लेकिन कार्यक्रम में मौजूद कुछ अन्य अधिवक्ताओं ने इस पर नाराज़गी जताई, तो हरक सिंह रावत  स्वयं बार काउंसिल कार्यालय पहुंचे। वहाँ उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से खुलकर बातचीत की। अपनी भावनाएँ साझा कीं और स्पष्ट कहा कि उनके मन में सिख समाज के लिए अत्यंत सम्मान है।
उन्होंने कहा कि सिख समाज ने हमेशा उत्तराखंड और देश के लिए कठिन से कठिन समय में आगे बढ़कर सेवा की है और अपनी कर्तव्यनिष्ठा से दुनिया का दिल जीता है। उनकी मंशा कभी भी किसी समाज, विशेषकर सिख समाज, के प्रति अमर्यादित शब्द कहने की नहीं रही।

उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी व्यक्ति, अधिवक्ता या समाज का कोई साथी आहत हुआ है, तो वे हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं। कोर्ट परिसर में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने उनकी बात को समझा, सहमति व्यक्त की और वहीं इस मामले को समाप्त भी कर दिया। सभी ने एक-दूसरे का धन्यवाद किया।

रविवार को कांग्रेस नेता हरक सिंह के गुरुद्वारे में   कार सेवा करने के बाद उपजे विवाद के शांत होने की उम्मीद जताई जा रही है। जबकि भाजपा ने हरक की माफी को नौटंकी बता कर विरोध में डटी है।

गलती को स्वीकारना ही सच्ची सेवा है, और गुरु की शरण में झुकना ही सच्चा साहस-हरीश रावत

मुंह की फिसलन कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है और *ऐसी ही एक फिसलन के शिकार हमारे कांग्रेस के नेता डॉ. हरक सिंह रावत जी हो गए।
सिख एक महान, वीर और श्रद्धेय कौम है, जो हमारे राष्ट्रीय सम्मान, साहस और त्याग के प्रतीक हैं।
मनसा-वाचा-कर्मणा से कहीं भी हमसे कोई गलती हो जाए, तो हमारे लिए एक ही मार्ग है, गुरु साहब की शरण में जाना।
हमारी पार्टी के नेता से गलती हुई है और इसलिए मैंने तय किया है कि 8 दिसंबर, 2025 को सायं 6 बजे की संगत के समय गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार, देहरादून के प्रांगण में जूता सेवा करूँगा।

पूर्व सीएम हरीश रावत- फाइल फ़ोटो

हरक के चुभते बोल और हरदा की सेवा जैसी नौटंकी कांग्रेस की सोच -भाजपा

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख मनवीर सिंह चौहान ने सिख समुदाय पर कांग्रेस नेता हरक सिंह की टिप्पणी को अशोभनीय और समुदाय की भावना को आहत करने वाला  करार देते हुए कहा कि कांग्रेस का यही चरित्र है और असंसदीय भाषा के बाद पश्चाताप की नौटंकी से उसका असली चेहरा सामने आ गया है।

चौहान ने कहा कि हरक सिंह रावत के अभद्र बयान पर कांग्रेस अचानक डिफेंस मोड में आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मैदान में उतरकर कह रहे हैं कि “हम खेद प्रकट करते हैं और गुरुद्वारों में सेवा कर पश्चाताप करेंगे।” लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस की नई राजनीति यही है, पहले हिंदू और सिख अस्मिता पर हमला करो, फिर इसे “जुबान फिसल गई” कहकर गुरुद्वारों-मंदिरों की देहलीज़ पर जाकर नकली पश्चाताप का नाटक किया जाय।

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