नंदा–सुनंदा योजना हुई सरल, अब ज़्यादा बेटियों को मिलेगा लाभ

असहाय बालिकाओं के लिए रायफल क्लब से भी आर्थिक मदद, जागरूकता पर जोर

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गठित जिला टास्कफोर्स की बैठक में कहा कि बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ रही बालिकाओं को नंदा–सुनंदा प्रोजेक्ट के तहत मदद दी जाए।

डीएम ने इस प्रोजेक्ट की मौजूदा एसओपी को और सरल बनाकर अधिक से अधिक जरूरतमंद, असहाय और अनाथ बेटियों तक पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अब इन्हें जिला रायफल क्लब फंड से भी आर्थिक मदद दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि घर-घर सर्वे कर ड्रॉपआउट बालिकाओं को स्कूल से जोड़ा जाए और अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया जाए। साथ ही बालिकाओं की सफलता की कहानियाँ आकाशवाणी और अन्य माध्यमों से साझा की जाएं, ताकि अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिले।

डीएम ने बहुउद्देशीय शिविरों के ज़रिए कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया।

बैठक में यह भी तय हुआ कि 11वीं–12वीं की छात्राओं का साइंस सिटी, एफआरआई, देहरादून चिड़ियाघर जैसे संस्थानों में शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा और करियर काउंसलिंग के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे। अवनी अभियान के तहत किशोरी बालिकाओं के पोषण और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।

जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक नंदा–सुनंदा प्रोजेक्ट के तहत 38 बालिकाओं की पढ़ाई के लिए 13.06 लाख रुपये की फीस भरी गई है। इसके अलावा स्तन कैंसर जांच, एनीमिया परीक्षण, कुपोषित बच्चों के लिए पोषण किट और स्वच्छता किट का वितरण जैसे कई कार्यक्रम भी संचालित किए जा चुके हैं।

बैठक में सीडीओ अभिनव शाह, सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, सीओ रीना राठौर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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