यौन उत्पीड़न पर पाश समिति ने दी कानूनी व व्यवहारिक जानकारी

यौन उत्पीड़न पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) ने शनिवार को यूकास्ट की पाश समिति के तत्वावधान में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया ।
कार्यक्रम का उद्देश्य परिषद में सुरक्षित, सम्मानजनक एवं संवेदनशील कार्य वातावरण को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जाग्रति उनियाल, साइंटिफिक ऑफिसर, यूकास्ट द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात पाश समिति की अध्यक्षा डॉ. मंजू सुन्दरियाल ने समिति के कार्यों, दायित्वों एवं अधिकारों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एवं पाश विशेषज्ञ डॉ. रीमा पंत ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न की श्रेणी में कौन-कौन से कृत्य आते हैं, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या है तथा शिकायत कहां और किस प्रकार की जा सकती है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में यौन उत्पीड़न के विरुद्ध सशक्त कानूनी ढांचा मौजूद है, जो पीड़ितों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करता है।
यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने पाश समिति के सदस्यों को विभिन्न स्तरों पर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया तथा परिषद में सुरक्षित कार्य परिसर सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।


कार्यक्रम के अंत में डॉ. पीयूष जोशी, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी एवं पाश समिति सदस्य द्वारा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में यूकास्ट के लगभग 40 वैज्ञानिकों, सहायक एवं तकनीकी स्टाफ ने सहभागिता की।

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