एसजीआरआर के प्रधानाचार्यों का वार्षिक अधिवेशन संपन्न

शैक्षणिक नेतृत्व और तकनीकी दक्षता पर हुआ व्यापक मंथन

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के तत्वावधान में एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों का वार्षिक अधिवेशन श्री महंत इन्द्रेश अस्पताल के सभागार में आयोजित किया गया। अधिवेशन में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से 100 से अधिक प्रधानाचार्यों ने प्रतिभाग किया।

अधिवेशन का शुभारंभ सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी मनीष अग्रवाल, मिशन की आजीवन सदस्य वीना रावत, प्रबंधक (अधिकृत हस्ताक्षरी) विजय नौटियाल, शिक्षा अधिकारी विनय मोहन थपलियाल, मुख्य वित्त नियंत्रक मनोज जखमोला और शिक्षा अधिकारी जी.एस. तोमर ने दीप प्रज्ज्वलन एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत इन्द्रेश चरण दास जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, पटेलनगर के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

प्रधानाचार्य: शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता के रूप में


अधिवेशन का मुख्य विषय “प्रधानाचार्य एक शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता” रहा। इस दौरान शिक्षा, प्रशासन, नीति निर्धारण, वार्षिक योजना निर्माण और तकनीकी दक्षता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।

मुख्य अतिथि मनीष अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में शिक्षकों को निरंतर अपडेट रहना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों को परीक्षा परिणाम के दबाव से बाहर निकालने में सहायक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने 10वीं बोर्ड के अंकों को महत्वपूर्ण तो बताया लेकिन जीवन की दिशा तय करने का एकमात्र आधार नहीं माना।

विशिष्ट अतिथि वीना रावत ने मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज को कुशल प्रशासक व प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य शिक्षण व प्रशासनिक कार्यों में संतुलन बनाकर स्कूलों को प्रगति की दिशा में ले जा रहे हैं।

प्रस्तुतियों में उभरे विविध दृष्टिकोण


– कविता सिंह, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, तालाब ने शैक्षणिक नेतृत्व व वार्षिक शैक्षणिक योजना पर विचार साझा किए।
– संदीपना जायसवाल, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, बाम्बे बाग ने प्रधानाचार्य की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
– डी.पी. विज्लवाण, प्रधानाचार्य, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, झनकपुरी, गजरौला ने योग्यता आधारित शिक्षा और समग्र मूल्यांकन पर जानकारी दी।

विशेष व्याख्यान और तकनीकी सत्र


शिक्षा अधिकारी जी.एस. तोमर ने प्रभावी शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता के आवश्यक गुणों और कौशल पर व्याख्यान दिया।
विनय मोहन थपलियाल ने स्कूलों के लेखा विभाग, ईएसआईसी और ईपीएफ प्रबंधन पर सत्र संचालित किया।
इसके पश्चात उत्तराखंड पर्वतीय, देहरादून तथा बाह्य राज्यों के स्कूलों के शिक्षा अधिकारियों और लेखा प्रमुखों ने संबंधित विषयों पर गहन मंत्रणा की।

अधिवेशन के समापन पर सुनील कोठारी, प्रधानाचार्य, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, ऋषिकेश ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन से जुड़े कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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