‘उर्मिला सनावर ने AI से बनाया ऑडियो,फोरेंसिक जांच जरूरी’

..साजिश ..एक्शन  और गट्टू को पहना दी ‘वीआईपी टोपी’

पूर्व भाजपा विधायक उर्मिला पर दर्ज कराएंगे मुकदमा

राठौर के बयानों ने खोला, भाजपा की साजिश का खेल

अविकल थपलियाल

देहरादून। ..तो  पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर-उर्मिला और आरती गौड़ के विवाद में अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े ‘कथित वीआईपी’ की ओर मुड़ी सुई को दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया।
इस फिल्मी टाइप रोमांचक,इश्क, धोखे और एक्शन से भरपूर पॉलिटिकल स्टंट ने भाजपा के अंदरूनी खेल की भी कई परतें खोल दी।
राजनीतिक गलियारों में सरगर्म इस हाई प्रोफाइल मसले पर वॉयरल हो रहे ऑडियो-वीडियो के तीसरे दिन कांग्रेस भी दिल्ली से लेकर देहरादून तक तलवारें भांजने लगी।
यही नहीं, मंगलवार को पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने भी उम्मीद के विपरीत सामने आकर हरिद्वार प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में उर्मिला के आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया। यही नहीं, गट्टू से जुड़े ऑडियो को पूरी तरह AI से निर्मित बताकर पूरे मुद्दे पर ही पानी डाल दिया।
चूंकि, इस पूरे विवाद के मुख्य किरदार सुरेश राठौर ही हैं। उनकी उर्मिला व आरती गौड़ से हुई वार्ता के ऑडियो ही वॉयरल हो रहे हैं।
ऐसे में राठौर के सामने आने के बाद उर्मिला के आरोपों की सच्चाई का पता चलने की।उम्मीद बंध गयी।
सुरेश राठौर ने साफ कहा कि सनसनी फैलाने, भाजपा व उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के आरोप में वे उर्मिला सनावर पर मुकदमा दर्ज कराएंगे।
यही नहीं, भाजपा के पूर्व विधायक राठौर ने कहा कि भाजपा उनकी मां समान है। और उर्मिला झूठ बोल रही है। उर्मिला AI से ऑडियो व वीडियो बनाना जानती है।
राठौर ने उर्मिला की तरफ से वॉयरल वीडियो की फोरेंसिक जांच की बात भी कही। कहा कि, AI से बने ऑडियो-वीडियो की जांच के बाद सच्चाई सामने आ जायेगी।

अंकिता भंडारी

एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि उर्मिला से उनकी कोई शादी नहीं हुई। अगर ऐसा है तो वो सबूत दिखाए।

राठौर ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या के बाद चले मुकदमे में दोषियों को सजा भी हो गयी है। इसके बाद उर्मिला AI से बने ऑडियो को वॉयरल कर भाजपा नेताओं को बदनाम कर रही है। इसके पीछे साजिश की भी बात कही। और कहा कि जांच में पता चल जाएगा कि कौन कौन शामिल है।
बीते तीन दिन से जारी कशमकश के बाद सुरेश राठौर ने प्रेस वार्ता कर उर्मिला पर मुकदमा ठोकने की बात कहकर भाजपा के साथ खड़े रहने की बात भी कही है। हालांकि, बीते जून माह में उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है।

इस उलझन से भरी ऑडियो -वीडियो कहानी में एकाएक अंकिता भंडारी हत्याकांड और वीआईपी के पुराने मुद्दे को नये सिरे से गर्म कर दिया।
सितंबर 2022 में भाजपा से जुड़े एक नेता का नाम कथित वीआईपी के तौर पर खूब उछला था। इस नाम को लेकर आज भी अक्सर चर्चा होती रहती है। कुछ अन्य नाम भी गाहे बगाहे सुने जाते रहे हैं।

लेकिन अब  तीन साल बाद उर्मिला सनावर और सुरेश राठौर के वॉयरल वीडियो में एक नए नाम ‘गट्टू’ को कथित वीआईपी के तौर पर पेश किया गया।
इसी ऑडियो को सुरेश राठौर ने फेक करार दिया है। अगर यह फेक है तो फिर मामला और भी संगीन हो जाता है । संगीन इसलिए भी कि आखिर गट्टू को वीआईपी की सूची में किसने शामिल करवाया।
इससे साफ जाहिर है कि भाजपा के अंदर अंकिता भंडारी मर्डर से जुड़े वीआईपी को लेकर अभी भी ब्लेम गेम चल रहा है। और कहीं अपनी टोपी गट्टू के सिर पर रखकर भविष्य की राजनीति का नैरेटिव तो चेंज नहीं किया जा रहा।

चूंकि, भाजपा अब 2027 के चुनाव के हिसाब से अपने कार्यक्रम लागू कर रही है। जन जन अभियान के तहत न्याय पंचायत स्तर पर बहुउद्देशीय शिविर में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी जा रही हैं। अन्य कार्यक्रम भी चल रहे हैं।

ऐसे में ऑडियो -वीडियो के अचानक सामने आने से  यह भी साफ हो रहा है कि भाजपा के अंदर साजिश, घात-प्रतिघात का अंदरूनी खेल भी समानांतर खूब चल रहा है। इस पूरे विवाद की डोर कौन थामे हुए है। यह रहस्य भी कम नहीं है। लेकिन वीआईपी के सवाल पर अपनी टोपी गट्टू को पहनाने की कहानी भी भाजपा के किले में खूब धमाल मचा रही है…

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