दून के विधानभवन गेट पर ताला जड़ने की कोशिश,पुलिस से तीखी नोक झोंक

ग्रीष्म-शीत सब धोखा है भराड़ीसैण को स्थाई राजधानी घोषित करो मौका है’’ यह नारा लगा रहे थे। और इसी नारे से जुड़ा बैनर भी लहरा रहे थे

कांग्रेस, सीपीआई व समाजवादी पार्टी ने विधानभवन पर किया प्रदर्शन

कांग्रेस के किशोर उपाध्याय ,सपा के सचान व सीपीआई के समर भंडारी ने किया नेतृत्व

कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने महंगाई पर किया पुतला दहन

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। एक ओर भराड़ीसैण- गैरसैंण में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य  राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े अभिभाषण पर प्रकाश डाल रही थी। वहीं,दूसरी ओर भराड़ीसैंण-गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर देहरादून के विधानभवन के गेट पर विपक्षी दलों व पुलिस के बीच नोक झोंक चल रही थी।

देहरादून में उत्त्तराखण्ड कांग्रेस के पूर्व अध्य्क्ष किशोर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी व सीपीआई कार्यकर्ताओं के साथ विधानभवन की ओर कूच किया।
कांग्रेस,सपा व वामपंथी दलों से जुड़े प्रदर्शनकारी “ग्रीष्म-शीत सब धोखा है भराड़ीसैण को स्थाई राजधानी घोषित करो मौका है’’ यह नारा लगा रहे थे। और इसी नारे से जुड़ा बैनर भी लहरा रहे थे।

भारी संख्या में कार्यकर्ता किशोर उपाध्यक्ष,  एसएन सचान प्रदेश अध्यक्ष सपा एवं सीपीआई के समर भण्डारी की उपस्थिति में एकत्रित हुए एवं सरकार से भराड़ीसैण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की। तीनों दलों के कार्यकर्ता विधानभवन के द्वार तक पहॅुचे जहाॅ पुलिस प्रशासन के साथ कार्यकर्ताओं की नोंकझोंक हुई।

कार्यकर्ता किशोर उपाध्यक्ष के नेतृत्व में विधानसभा के द्वार पर ताला जड़ने के लिए जोर आजमाइश कर रहे थे। इस मौके पर  किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखण्ड़ छोटा राज्य होने के साथ-साथ एक गरीब राज्य भी है वह दो-दो राजधानियों का खर्चा वहन करने की स्थिति में नही है।

रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों के विरोध में बल्लीवाला चौक पर प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया।

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कमर तोड़ महंगाई ने किया आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने भाजपा सरकार की कलई खोल दी है।

विधानसभा द्वार पर ताला इसलिए मारा जा रहा है कि सारी सरकार जब भराड़ीसैंण है तो देहरादून के विधानभवन में स्टाफ की लम्बी फौज का क्या औचित्य है? ताला इसलिए भी जरूरी है कि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि अब भविष्य में भराड़ीसैंण से ही राजधानी संचालित हो। भराड़ीसैंण को मात्र ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाकर सरकार ने ना सिर्फ राज्य के आन्दोलनकारियों का अपमान किया है बल्कि इस आन्दोलन के दौरान शहादत देने वालों की भावनाओं को भी आहत किया है साथ ही साथ सरकार के इस निर्णय से 20 सालों से लंबित स्थाई राजधानी का मुद्दा एक बार फिर लटक गया है।

   इस मौके पर राजेन्द्र भण्डारी, श्रीमती गरिमा महरा दसौनी, सुरेन्द्र रागड़, परिणीता बडोनी, अमरजीत सिंह, नेमचन्द सूर्यवंशी, डाॅ इंकबाल सिद्दीकी, याकूब सिद्विकी, विशाल मौर्या, कार्तिक चांदना, फारूख अहमद, खलील अहमद, इब्राइम कुरैशी, शहनवाज खान, दिनेश सकलानी, बुद्वदेव सेमवाल, कारी मोहम्मद, मो0 वसीम, मो0 इब्राहिम, जाराफत अली, अनीस कुरैशी, सोनू कुरैशी,   एवं बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।     

राज्यपाल का पूरा अभिभाषण पढ़िये,plss clik

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