केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह व दुष्यंत गौतम भाजपा नेताओं के मन की थाह ले दिल्ली गये
दिल्ली जाने से पहले संघ कार्यकर्ताओं से भी मिले रमन सिंह
विधायकों का एक गुट बोला, बदलाव से कोई लाभ नहीं, सीएम ने कई विधायकों संग की बैठक। सात मार्च को सीएम जाएंगे गैरसैंण।
सात मार्च को सीएम जाएंगे गैरसैंण। भाजपा जिलाध्यक्षों संग होगी बैठक
सम्भावित दावेदारों में तीन सांसद। एक संगठन पदाधिकारी व एक विधायक
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
राजनीति जो न कराये वो कम ही है। भाजपा संसदीय बोर्ड ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह की उत्त्तराखण्ड में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। सुबह 10 बजे से मीडिया व राजनीतिक हलके में खबरें तैरने लगी। गैरसैंण में मौजूद सरकार हवा व सड़क मार्ग से देहरादून पहुंची। चार बजे के बाद कोर ग्रुप की बैठक हुई। बदलाव,, बदलाव की चर्चाएं हवा में घुली। इलेक्ट्रॉनिक से लेकर सोशल मीडिया में ताबड़तोड़ खबरें उछलने लगी।
लंबे समय बाद पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी आये। कोर ग्रुप की बैठक से सीएम जल्दी निकले तो कयास और बढ़े। बॉडी लैंग्वेज पर फिकरे कसे जाने लगे। लेकिन बैठक से बाहर आये बंशीधर भगत व राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने साफ कह दिया कि कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा।
बैठक के बाद सीएम आवास में केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह व दुष्यंत गौतम को सीएम ने केदारनाथ के प्रतीक चिन्ह भेंट किये। शाल भी उड़ाए गए।यहां कई विधायकों से मुलाकात भी हुई। यह भी खबर आई कि कुछ विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व को पूर्व के अनुभव की याद दिलाते हुए साफ कह दिया कि बदलाव से हानि ही होगी। पहले भी सीएम बदले गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लैंसडौन विधायक दलीप रावत फेरबदल के पक्ष में नही दिखे।
लेकिन जबर्दस्त राजनीतिक तापमान के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आवास में विधायकों के साथ बैठक भी की। बैठक में राज्य सरकार के चार साल पूरा होने पर 18 मार्च के कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। इस बैठक में 30 से अधिक विधायक होने की बात कही गयी। इस बैठक में मंत्री कौशिक,धनसिंह रावत,हरबंस कपूर व अन्य विधायक भी मौजूद थे। पर्यवेक्षक व विधायकों संग बैठक की फ़ोटो व वीडियो भी whatsapp पर लैंड होने लगे। रणनीतिकार, सब कुछ सामान्य दर्शाने की कोशिशें करने लगे।
इस बीच, दिल्ली जाने से पहले रमन सिंह ने संघ कार्यालय में संघ कार्यकर्ताओं से भेंट कर फीडबैक लिया। फिर दिल्ली जाने के लिए जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां केंद्रीय मंत्री निशंक से मुलाकात की खबर आई। रमन सिंह दिल्ली के लिए उड़े। अब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को रिपोर्ट सौंपेंगे। साथ ही यह भी खबर भी आई कि सीएम त्रिवेंद्र रावत को सात मार्च को दिल्ली बुला लिया गया है। लेकिन सीएम कार्यालय से जारी कार्यक्रम के अनुसार त्रिवेंद्र सिंह रावत 7 मार्च को भराड़ीसैंण जा रहे है। यहां भाजपा के जिलाध्यक्षों के साथ उनकी बैठक होगी। रात्रि विश्राम भराड़ीसैंण सीएम आवास में होगा। आठ मार्च यानी महिला दिवस पर गैरसैंण में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद देहरादून लौटेंगे। यहां भी महिला दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
देर रात तक इस सवाल का भी लोग जवाब तलाशते रहे कि ऐसी क्या मुसीबत आन पड़ी थी कि बजट सत्र के समय कोर ग्रुप व विधायकों की बैठक बुलाई जाय। इस आपातकालीन बैठक में पूर्व सीएम रमन सिंह का आना। मन की थाह लेना। जरूर कोई गंभीर बात है तभी यह सब हुआ।
सवाल यह भी उभरा कि छह मार्च को ही बजट पास कर दिया गया। जबकि 10 मार्च तक सत्र चलना था। सभी भाजपा नेता गिरते पड़ते देहरादून पहुंचे। यह सब बजट सत्र के बाद भी हो सकता था।
बहरहाल, इस पूरे एपिसोड ने पूर्व सीएम नित्यानंद स्वामी,बीसी खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक की विदायी के राजनीतिक घटनाओं की यादें ताजा कर दी। ऐसे ही केंद्रीय पर्यवेक्षकों के एकाएक दौरे लगते थे। पर्दे के आगे और पीछे शह-मात का खेल चलता था। कई दावेदारों के नाम उछाले जाते थे।
शनिवार को तीन सांसदों ,एक विधायक व एक संगठन पदाधिकारी का नाम संभावित दावेदारों में शुमार हो चुका था। तभी याद आया कि भगत-बंसल कह चुके हैं कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। राजनीति भी जो न कराए वो कम है। जो दिखता है वो होता नहीं और जो होता है वो दिखता नहीं। बोल तू बोल चैतू….ठिक च न..
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