राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष उत्त्तराखण्ड भाजपा से जुड़े खास बिंदुओं पर कर रहे होमवर्क
चौबट्टाखाल, यमकेश्वर व गंगोत्री विधानसभा में परखी जा रही सीएम की जीत की संभावना
नये सिरे से दायित्व वितरण पर भी फैसले की संभावना
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पहुंच दिया सभी को साथ लेकर चलने का मंत्र
बीसी खंडूडी के बेटे मनीष खंडूडी को खींच सकती है भाजपा अपनी ओर
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। वैसे तो भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेने देहरादून आये। बैठक में कोविडकाल में गांवों में सेवाकार्य करने पर जोर दिया गया। लेकिन पर्दे के पीछे कुछ अहम मसलों पर भी राष्ट्रीय महामंत्री ने नेताओं के मन की थाह ली।
मौजूदा देहरादून प्रवास के दौरान बीएल संतोष का मुख्य फोकस सीएम तीरथ के लिए उपयुक्त विधानसभा सीट का चयन करना। दूसरा, कुछ वरिष्ठ नेताओं को दायित्व वितरण व तीसरा सभी को साथ लेकर कोविडकाल में सेवा करते हुए 2022 के विधानसभा चुनावों में फिर से फतह हासिल करना।
हालांकि, कोविड के बिगड़े हालात को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग लगभग एक पखवाड़े पूर्व कुछ लोकसभा व विधानसभा उपचुनावों को रद्द कर चुका है। इधर, सीएम तीरथ रावत को 10 सितम्बर से पहले विधानसभा की सदस्यता लेनी है। और पार्टी को उम्मीद है कि अगस्त-सितम्बर के महीने तक कोरोना की स्थिति में सुधार आ सकता है।
इधर, राष्ट्रीय महामंत्री गुरुवार से ही सीएम तीरथ की चुनावी सीट के अलावा वरिष्ठ पार्टी नेताओं के दायित्व के मुद्दे पर संगठन व सरकार से जुड़े लोगों से चर्चा में मशगूल हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्य तौर पर यमकेश्वर, चौबट्टाखाल व गंगोत्री विधानसभा में सीएम की चुनावी संभावनाओं पर गौर किया जा रहा है। हालांकि, सीएम तीरथ की पहली पसंद चौबट्टाखाल सीट ही बतायी जा रही है। 2012 में तीरथ इस विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं।
मौजूदा समय में चौबट्टाखाल विधानसभा से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का भी इस मुद्दे पर मन टटोला जाएगा। हालांकि, पूर्व में महाराज सीट छोड़ने से मना कर चुके हैं। लेकिंन पार्टी हाईकमान महाराज को बेहतर एडजस्टमेंट का हवाला देते हुए मनाने की कोशिश में है। कुछ दिन पूर्व महाराज की दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से गुफ्तगू भी हुई थी। और पार्टी ने महाराज को बेहतर पद का सुझाव भी दिया ।लेकिन महाराज ने अभी पत्ते नहीं खोले है। राष्ट्रीय महामंत्री व महाराज की सिटिंग से ही कोई ठोस नट सामने आने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने महाराज व यमकेश्वर से भाजपा विधायक ऋतु खंडूडी के लिए एक एडजस्टमेंट प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत केंद्रीय नेतृत्व सीट खाली करने वाले विधायक व उनके परिजनों की राजनीतिक महत्वकांक्षा का पूरा सम्मान करेगी। यमकेश्वर विधानसभा से पूर्व सीएम बीसी खंडूडी की बेटी विधायक है। जबकि खंडूडी के बेटे मनीष खंडूडी 2019 में कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी लोकसभा का चुनाव लड़ कर हार चुके हैं। इधर, भाजपा मनीष खंडूडी को भी अपने पाले में खींचने की जुगत में है।
इस बीच, चौबट्टाखाल व यमकेश्वर के अलावा हाल ही में रिक्त हुई गंगोत्री विधानसभा में भी केंद्रीय नेतृत्व सीएम की चुनावी संभावनाओं पर गौर फरमा रहा है। भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत के निधन के बाद इस सीट ओर उपचुनाव होना है।
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय महामंत्री संतोष अपने देहरादून प्रवास के दौरान सीएम की विधानसभा सीट के अलावा दायित्वधारियों के मुद्दे को भी फाइनल टच दे जाएंगे। सत्ता संभालते ही सीएम तीरथ रावत ने त्रिवेंद्र काल के सभी दायित्वधारियों को हटा दिया था। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व कुछ वरिष्ठ लोगों को दायित्व देने के मूड में है। ताकि कोरोनाकाल व आने वाले चुनावों में कार्यकर्ता पार्टी के पक्ष में माहौल बना सके।
कोरोनाकाल की बिगड़ी तस्वीर के बावजूद भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी की पूरी कोशिश में है। इसी रणनीति के तहत राष्ट्रीय महामंत्री बीएल। संतोष ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पार्टी मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक के दौरान 10 मिनट अलग से बात की। यही नही,28 मई की सुबह त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर नाश्ता भी किया। पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया में इस लम्हे को साझा भी किया है। राष्ट्रीय महामंत्री संतोष सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देते हुए 2022 के मिशन की सफलता का मूलमंत्र भी दे रहे हैं।
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