आईएएस राधा रतूड़ी, एसएस संधू व अनूप बधावन के नाम पर मंथन। मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह भी चर्चा में।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। मंत्रिमंडल के गठन के बाद सीएम तीरथ रावत ने नौकरशाही की फाइलें पलटनी शुरू कर दी है। सीएम कार्यालय में आईएएस शैलेश बगौली के बाद अब उच्च स्तर पर फेरबदल किये जाने की पूरी संभावना है। सीएम तीरथ रावत स्वच्छ व निर्विवाद छवि के अधिकारियों को तैनात कर नया संदेश देना चाहते है।
लिहाजा, आने वाले दिनों में सचिवालय व जिलों में अधिकारियों की जिम्मेदारियों में विशेष फेरबदल किया जाएगा। त्रिवेंद्र राज के पावरफुल रहे अधिकारियों की आने वाले दिनों में नये सीएम तीरथ रावत cm tirath rawat की योजना के तहत भूमिका तय की जाएगी।
कुछ नये अधिकारियों को अहम कुर्सियों पर बैठाए जाने की उम्मीद है। इनमें अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है। उन्हें अहम जिंम्मेदारी से नवाजा जा सकता है।
इसके अलावा उत्त्तराखण्ड कैडर के दिल्ली में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी एसएस संधू मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। अक्टूबर 2019 में संधू ने NHAI के चेयरमैन का चार्ज लिया था। आईआएस सुखबीर सिंह संधू व राधा रतूड़ी 1988 बैच की हैं। लेकिन आईएएस की परीक्षा में संधू के नंबर राधा रतूड़ी से ज्यादा होने पर वे वरिष्ठ माने जाते हैं। (ias ss sandhu and radha ratudhi)Uttarakhand bureaucracy
केंद्र सरकार में सचिव अनूप बधावन सबसे वरिष्ठ 1985 बैच के अधिकारी हैं। उत्त्तराखण्ड कैडर के आईआएस अनूप बधावन केंद्र में कॉमर्स सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बधावन के मना करने के बाद ही 1987 बैच के आईएएस ओमप्रकाश के मुख्य सचिव बनने का रास्ता प्रशस्त हुआ था। हालांकि, पूर्व में अनूप बधावन उत्त्तराखण्ड आने के इच्छुक नही दिखे। लेकिन केंद्र के निर्देश पर वे उत्त्तराखण्ड की ओर रुख कर सकते हैं। (ias anoop badhawan)
इसके अलावा खंडूडी राज में अहम जिंम्मेदारी संभाल चुके आईएएस शत्रुघ्न सिंह के नाम की भी चर्चा है। मौजूदा समय में 1983 बैच के आईआएस शत्रुघ्न सिंह रिटायर होने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त की कुर्सी पर हैं। और उनका कार्यकाल नवंबर 2021 में समाप्त हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय आईआएस शत्रुघ्न सिंह ने बतौर एडिशनल सेक्रेटरी काम भी किया।
त्रिवेंद्र राज में सीएम कार्यालय में कुछ सरकारी अधिकारियों की सल्तनत को लेकर मंत्रियों, विधायकों व कार्यकर्ताओं में नाराजगी का माहौल था। यह भी संदेश गया कि सीएम सिर्फ खास अधिकारियों की ही सलाह पर चल रहे हैं। 1987 बैच के वरिष्ठ आईएएस ओमप्रकाश 3o जुलाई 2020 को उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव chief secretary बने थे। त्रिवेंड काल में सीएम कार्यालय में सचिव रही राधिका झा भी काफी शक्तिशाली बन कर उभरी। शासन के कई निर्णयों में दोनों अधिकारियों की निर्णायक भूमिका देखी गयी। (ias omprakash and radhika jha)
केंद्रीय नेतृत्व को कई सूत्रों के जरिये यह भी खबर गयी कि सीएम कार्यालय से जुड़े अधिकारी भी अपनी भूमिका का निर्वहन ठीक ढंग से नही कर पाए। और इसीलिए जनता में भाजपा सरकार की पॉजिटिव छवि नही बन पाई।
देहरादून के सचिवालय के अलावा दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय में जारी लालफीताशाही को लेकर भी मौजूदा सीएम को फीडबैक दिया गया है। स्थानिक आयुक्त कार्यालय में भी कुछ अधिकारियों की मनमानी और असंतोषजनक कार्यप्रणाली से भी उत्त्तराखण्ड व केंद्र से जुड़े मसलों पर भी लापरवाही सामने आयी है।
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