पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी व रंगकर्मी रामरतन काला का कोटद्वार में निधन

उत्त्तराखण्ड के प्रसिद्ध रंगकर्मी व अभिनेता रामरतन काला का कोटद्वार में निधन। रामरतन काला ने गढ़वाली फिल्मों, लोकगीतों, नाटकों में अपने बेहतर अभिनय की छाप छोड़ी । उनके कई वीडियो लोकप्रिय हुए। काला लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। 2014 में उत्त्तराखण्ड यंग सिने अवार्ड ने काला को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार से सम्मानित किया था। लेकिन रंगकर्मी काला ने जीवन में काफी संघर्ष किया। आर्थिक मोर्चे पर जिंदगी भर जूझते रहे।

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता नरेंद्र सिंह भंडारी का बुधवार की देर रात उनके कोटद्वार स्थित आवास में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। भंडारी, एनडी तिवारी की सरकार में 2002 से 2007 तक शिक्षा मंत्री रहे। वह कांग्रेस प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी रहे।


भंडारी के निधन पर कांग्रेस में शोक की लहर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित कांग्रेस के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।


नरेंद्र सिंह भंडारी के कार्यकाल में शिक्षा विभाग में सर्वाधिक नियुक्तियां हुई थी। यही नहीं, उन्होंने उत्तराखंड में एनसीआरटी पाठ्यक्रम भी लागू करवाया था।
वर्ष 2007 के चुनाव में हार के बाद से नरेंद्र भंडारी ने सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया था। उनके दो बेटे शैलेंद्र और दीपेंद्र भंडारी हैं। दीपेंद्र उत्तराखंड कांग्रेस में प्रदेश सचिव हैं। नरेंद्र भंडारी को वर्ष 1980 में हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस का टिकट दिलाया और वह पौड़ी विधानसभा से जीत गए। यहीं से वह चर्चा में आए। बहुगुणा ने कांग्रेस छोड़ी तो नरेंद्र भंडारी भी उत्तराखंड के उन चार विधायकों में थे, जो कांग्रेस छोड़कर बहुगुणा के साथ रहे। उनके साथ शिवानंद नौटियाल, कुंवर सिंह नेगी, भारत सिंह रावत ने भी कांग्रेस छोड़ी थी।

उत्त्तराखण्ड के प्रसिद्ध रंगकर्मी व अभिनेता रामरतन काला का कोटद्वार में निधन। रामरतन काला ने गढ़वाली फिल्मों, लोकगीतों, नाटकों में अपने बेहतर अभिनय की छाप छोड़ी । उनके कई वीडियो लोकप्रिय हुए। काला लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। 2014 में उत्त्तराखण्ड यंग सिने अवार्ड ने काला को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार से सम्मानित किया था। पत्रकार हिमांशु बडोनी ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि ह्रदयाघात से उनकी मृत्यु हुई।


वर्ष 1989 में नरेंद्र भंडारी जनता दल में शामिल हुए। वर्ष 1989 में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जनता दल से पौड़ी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया। वह इस सीट से चुनाव जीत गए। इस दौरान वह पर्वतीय विकास परिषद के अध्यक्ष बने। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था।


इसके बाद समाजवादी पार्टी का गठन होने पर वह वर्ष 1991 में सपा के संस्थापक सदस्यों में एक रहे। वर्ष 1993 में वह सपा के टिकट से पौड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। उस दौरान विनोद बड़थ्वाल की अध्यक्षता वाली उत्तराखंड राज्य निर्माण समिति के वह सदस्य रहे। साथ ही उन्होंने राज्य निर्माण को लेकर समिति की रिपोर्ट तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।

नरेंद्र भंडारी ने वर्ष 1994 में राज्य आंदोलन के दौरान समाजवादी पार्टी छोड़ दी। वह कांग्रेस में चले गए। वर्ष 2002 में कांग्रेस के टिकट से वह उत्तराखंड में पौड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत गए। एनडी तिवारी सरकार में वह शिक्षा मंत्री रहे। उन्होंने पूरे पांच साल तक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उस दौरान उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में सर्वाधिक करीब 56 हजार नियुक्तियां की गई।

Pls clik

आईएफएस सुबुद्धि व इंद्रपाल का तबादला निरस्त, खच वन अधिकारियों के तबादले

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *