उत्त्तराखण्ड के सैकड़ों आईटीआई कर्मी नाराज, 11 सितम्बर से बड़ी जंग लड़ेंगे

28 अगस्त से कर रहे हैं काली पट्टी बांध कर विरोध

मंत्री हरक सिंह रावत व अधिकारियों से बातचीत के बाद भी समस्या जस की तस

शासन के अधिकारियों पर कर्मचारी हितों के विरुद्ध कार्य करने का आरोप

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून । उत्त्तराखण्ड में इन दिनों आंदोलन का दौर तेजी से चल निकला है। भाजपा विधायक अपनी सरकार के खिलाफ आग उगल रहे हैं और विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारी विरोध प्रदर्शन पर उतरे हुए हैं।

विभागीय मंत्री समेत शासन से जुड़े अधिकारी से कई दौर की वार्ता हो गयी है लेकिन कोई हल नही निकल रहा है।

इन दिनों,उत्तराखण्ड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के सैकड़ों कर्मचारी  काली पट्टी लगाकर कार्य कर रहे हैं। संघ ने 10 सितम्बर तक छह सूत्री मांगों के हल नहीं होने पर 11 सितंबर से बड़ी जंग का ऐलान किया है

संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद जोशी ने बताया कि  28 अगस्त से लगातार काली पट्टी लगाकर संघ के सदस्यों द्वारा अपने मूल दायित्वों के अतिरिक्त प्रवेश प्रक्रिया से सम्बन्धित अपने दायित्वों का पालन किया जा रहा है ।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश के उत्तरकाशी, पिथौरागढ, चमोली से लेकर मैदानी जनपदों हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून व ऊधमसिंह नगर तक सदस्यों द्वारा प्रत्येक दिन काली पट्टी लगाकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया जा रहा है।

जोशी ने कहा यदि  निदेशक महोदय द्वारा शासन स्तर से लगातार कार्मिकों के अहित में लिए जा रहे फैसलों को रद्द नहीं किया जाता है, तो संघ 11 सितम्बर से पुनः अपने आन्दोलन को तेज करते हुए अग्रिम रणनीति तय करने को बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन व विभाग की होगी ।

प्रान्तीय महामंत्री पंकज सनवाल ने कहा कि संघ द्वारा कोई विशेष मांग नहीं की जा रही है, बल्कि संघ का विरोध विगत 3-4 महीनों में शासन स्तर से विभाग में अनावश्यक हस्तक्षेप कर, लिए जा रहे कार्मिक विरोधी फैसलों को लेकर है । 

प्रान्तीय महामंत्री ने बताया कि शासन स्तर से कोविड-19 की आड़ में कार्मिकों के हितों की अनदेखी कर लगातार ऐसे आदेश जारी किए गए हैं, जिसका दूरगामी परिणाम कार्मिकों के सेवाहितों को नुकसान पहुंचाने वाला है ।

संघ केवल उक्त समस्त आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में निदेशक, सचिव व माननीय मंत्री कौशल विकास एवं सेवायोजन से हुई वार्ता के उपरांत भी आदेशों को वापस न लिए जाने पर संघ को मजबूरन आन्दोलन किए जाने को बाध्य होना पड़ रहा है ।

राजेन्द्र प्रसाद जोशी, अध्यक्ष, 29 जुलाई को सचिव व तत्कालीन निदेशक डा अहमद इकबाल की उपस्थिति में मंत्री जी के साथ बैठक हुई थी, आश्वासन मिला, किन्तु निराकरण आज तक नहीं हुआ।उससे पहले 13 जुलाई को भी सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा के साथ संघ की बैठक हुई थी किन्तु फिर भी कुछ नहीं किया जा रहा।

संघ की 6 सूत्रीय मांगें –

1. संचालित आईटीआई में कार्यदेशकों के रिक्त  सभी 55 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण की जाय तथा भण्डारी व प्रधानाचार्य संवर्ग की पदोन्नति की कार्यवाही प्रारम्भ की जाय ।
2. उत्तराखण्ड शासन कार्मिक विभाग के शासनादेश के विपरीत सचिव महोदय द्वारा वार्षिक गोपनीय चरित्र प्रविष्टि के सम्बन्ध में जारी कार्यालय आदेश को तुरन्त निरस्त किया जाय ।
3. विभागीय ढांचे के पुनर्गठन में पूर्व में स्वीकृत कार्यदेशक, प्रधानाचार्य व भण्डारी संवर्ग के पदों को यथावत रखा जाय ।
4. सत्रांत लाभा के शासनादेश को स्थगित किए जाने सम्बन्धित सचिव महोदय के आदेश को निरस्त किया जाय
5. दैनिक कार्यों का विवरण गूगल शीट के माध्यम से भरने के आदेश की पुनः समीक्षा करते हुए वापस लिया जाय ।
6. मृतक आश्रितों के प्रकरणों का समाधान नियुक्ति प्राधिकारी स्तर से किया जाय, शासन द्वारा विगत डेढ वर्षो से उक्त प्रकरणों को लंबित रखा गया है ।
         

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