14 जून 2021 को छपे विज्ञापन में मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त की भाषा से असमंजस की स्थिति बनी
एक बार फिर जारी करना पड़ेगा संशोधित विज्ञापन। सरकारी खजाने पर पड़ेगा अतिरिक्त आर्थिक बोझ
किससे की जाएगी रिकवरी ?
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। गलती पर गलती। एक बार फिर प्रदेश सरकार में सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय के आदेश के बाद छपे संशोधित विज्ञप्ति में फिर गलती हो गयी। मामला मुख्य सूचना आयुक्त व आयुक्त की नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन से जुड़ा है। बड़े-बड़े अफसरों की “सतर्क” निगहबानी के बाद 14 जून को छपे राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के नियुक्ति विज्ञापन की इस गलती ने शासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए।
यह हुई थी पहले विज्ञापन में गलती
इससे पूर्व 02 जून के विज्ञापन में सूचना आयुक्तों के कार्यकाल को 03 साल के बजाय 05 साल छप गया था। सबसे पहले “अविकल उत्त्तराखण्ड” ने सूचना आयुक्तों के कार्यकाल सम्बन्धी गंभीर गलती की ओर राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश का ध्यान खींचा था। दरअसल 2019 के सूचना के जन अधिकार एक्ट में हुए संशोधन के बाद कार्यकाल 5 साल से घटाकर 3 साल कर दिया गया था। लेकिन अफसरों को एक्ट में हुए बदलाव के बाद के नियमों का भान ही नही रहा। मुख्य सचिव के संज्ञान लेने के बाद ही सामान्य प्रशासन ने 14 जून को फिर से विज्ञप्ति प्रकाशित की। और दोबारा छपी विज्ञप्ति में भी गलती हो गयी।
02 जून 2021 को छपा विज्ञापन
पूर्व के विज्ञापन में गलती के बाद शासन की प्रक्रिया और दोबारा छपे विज्ञापन में क्या हुई चूक
दरअसल, शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 9 जून को नये सिरे से जारी पत्र में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के 01 व राज्य सूचना आयुक्त के 03 पदों के संशोधित विज्ञापन के लिए सूचना महानिदेशक को पत्र लिखा गया था। और बाकायदा मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त के लिए आवेदन पत्र के प्रारूप को भी नत्थी किया गया था।
इस पत्र के क्रम में 14 जून को सचिव पंकज पांडेय की ओर से प्रमुख अखबारों में दो के बजाय सिर्फ एक ही विज्ञापन छपा। इस छपे विज्ञापन में भारी चूक देखी गयी। विज्ञापन के ऊपरी हिस्से में लिखा है- राज्य मुख्य सूचना आयुक्त,उत्त्तराखण्ड की नियुक्ति हेतु संशोधित प्रेस विज्ञप्ति.
इसके बाद छपे विज्ञापन के प्रारूप में लिखा है- उत्त्तराखण्ड राज्य सूचना आयोग,देहरादून में राज्य सूचना आयुक्त के 03 (तीन) पद हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप.
जबकि मुख्य सूचना आयुक्त के 01 पद हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप लिखा जाना चाहिए था। और राज्य सूचना आयुक्त के 03 पदों के लिए अलग से विज्ञापन जारी करना चाहिए था।
साथ ही राज्य मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त के पदों के लिए अलग-अलग विज्ञापन जारी होने चाहिए था।
14 जून 2021 को छपे विज्ञापन की गलती
सरकारी खजाने पर पड़ेगा इस गलती का भार
इस गलती के बाद अब इन पदों पर नियुक्ति के लिए हुई गलती में सुधार करते हुए दूसरी बार एक और संशोधित विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। इसमें सरकार को विज्ञापन में हुए अतिरिक्त खर्चे का भी भुगतान करना होगा। विज्ञापन छापने से पूर्व मैटर की उचित रीडिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिकारियों की इस चूक का खामियाजा सरकारी खजाने में पड़ना तय है। लेकिन जवाबदेही किसकी फिक्स होगी यह भी मुख्य सवाल बना हुआ है। सरकारी धन की इस बर्बादी की रिकवरी किससे की जाएगी, यह सवाल भी मुंह बाएं खड़ा है।
आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई 2021 रखी गयी है।
Pls clik-मुख्य सूचना आयुक्त पद की पूर्व में छपी गलत विज्ञप्ति खबर
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