एक्शन- पूर्व आयुष निदेशक डा. अरुण त्रिपाठी के घपले की होगी जांच, अधिकारी नियुक्त

प्रभारी सचिव एसएन पांडे जांच अधिकारी बने

2014 से 19 के बीचभरी घपला करने का आरोप

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। शासन ने आयुष विभाग के पूर्व निदेशक डा. अरुण कुमार त्रिपाठी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पद का दुरुपयोग सहित उन पर लगे कई अन्य आरोपों की जांच के लिए शासन ने प्रभारी सचिव मुख्यमंत्री डा. एसएन पांडे को जांच अधिकारी नामित किया है। यह आदेश 22 जून को किया गया।

डॉक्टर अरुण कुमार त्रिपाठी, तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक आयुर्वेदिक एवम यूनानी सेवाएं उत्त्तराखण्ड सम्प्रति प्राचार्य गुरुकुल परिसर उत्तसंड आयुर्वेद विश्वविद्या पर (दिनांक 29072014 से दिनांक 11.07.2019 तक) कार्यरत रहते हुए आयुर्वेदिक होने सरकारी वाहन एवं पेट्रोल के गबन / दुरुपयोग संबंधी शिकायत शासन द्वारा आने के उपरान्त में शासन की अनुमति के बिना चिकित्साधिकारियो/फार्मासिस्टों को उत पर सम्बद्ध किये जाने एवं विभाग में फार्मेसिस्टों की नियुक्ति/तैनाली में हुई अनियमितता विभिन्न माध्यम से प्राप्त शिकायतों के दृष्टिगत प्रकरण की प्रारम्भिक किये जाने पाण्डेय, प्रभारी सचिव मा० मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड को जांच अधिकारी नामित किये जाने की महोदय सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
से उक्त अतः जांच अधिकारी से अपेक्षा की जाती है कि उक्त प्रकरण की यथाशीघ्र शासन को प्रस्तुत करेंगे।


पूर्व निदेशक डा. त्रिपाठी पर उनके कार्यकाल 2014 सेव2019 के दौरान खरीदी गई आयुर्वेदिक औषधियों के नमूने फेल होने, सरकारी वाहन का दुरुपयोग, शासन की अनुमति के बिना चिकित्साधिकारियों और फार्मासिस्टों को उनके इच्छित स्थानों पर संबद्ध करने और फार्मासिस्ट की नियुक्त और तैनाती में अनियमितता का आरोप है।

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