प्रदेश के 12 जिलों की 7600 पंचायतें मुखिया विहीन

कांग्रेस ने लगाया जानबूझकर चुनाव टालने का आरोप

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने बयान जारी कर सरकार पर पंचायत चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंचायत राज अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि यदि पाँच साल के भीतर चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तो छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएँगे। लेकिन अब पंचायतों में कार्य रुके हुए हैं और संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है।

डॉ. प्रतिमा ने बताया कि प्रदेश के 12 जिलों की लगभग 7600 न्याय पंचायतें मुखिया विहीन हैं। सरकार ने प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए अधिनियम में संशोधन कर प्रस्ताव राजभवन भेजा था, जिसे राज्यपाल ने वापस कर दिया। यह सरकार के लिए बड़ा झटका है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर पंचायत चुनाव टाल रही है, क्योंकि नगरीय निकाय चुनावों में जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है, जिससे भाजपा घबराई हुई है। एक देश-एक चुनाव की बात करने वाली भाजपा अपने प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव भी एकसाथ नहीं करा पाई।

डॉ. प्रतिमा ने कहा कि हाईकोर्ट में सरकार ने जुलाई तक चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस तैयारी नज़र नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ओबीसी आरक्षण का नया निर्धारण भी लंबित है, जिससे चुनाव प्रक्रिया और उलझ गई है। अब देखना होगा कि सरकार कोर्ट में क्या जवाब देती है।

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