अविकल उत्तराखंड
देहरादून। एफआरआई लेडीज क्लब ने एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन कर दंपतियों के बीच के बंधन का जश्न मनाया।
‘सुरमई शाम – प्रेम के नाम’ शीर्षक से आयोजित यह कार्यक्रम एफआरआई लेडीज़ क्लब के सदस्यों के पतियों को समर्पित था. उन्होंने गणेश वंदना, स्वागत नृत्य, लघु नाटिका, पतियों के लिए खेल और प्रश्नोत्तरी, लोक गीत और एक महाकाव्य नृत्य-नाटिका सहित कई प्रस्तुतियाँ दीं।

यह आयोजन सात साल के अंतराल के बाद हुआ।
इसमें FRI के सभी वरिष्ठ वन अधिकारी और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक डॉ. जी.एस. भारद्वाज; और उत्तराखंड वन विभाग व IGNFA के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसमें शिरकत की।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एपिक नृत्य-नाटिका रही, जिसमें युगों-युगों से वैवाहिक बंधन की प्रगति को दर्शाया गया था, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

एक सशक्त पटकथा, एक मनोहारी साउंडट्रैक और कोरियोग्राफी के शानदार विज़ुअल ट्रीटमेंट से सुसज्जित इस मल्टी-एक्ट म्यूज़िकल में विभिन्न चुनौतियों के माध्यम से प्रेम और बंधन की यात्रा को चित्रित करने के लिए हरिश्चंद्र-तारा, राम-सीता, कृष्ण-रुक्मिणी और एक आधुनिक कामकाजी जोड़े की कहानियों को दर्शाया गया।
ICFRE की महानिदेशक कंचन देवी ने आयोजन टीम और प्रतिभागियों को उनके प्रदर्शन और कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी।
क्लब की अध्यक्ष और FRI की निदेशक डॉ. रेणु सिंह ने ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया और आश्वासन दिया कि ऐसे आयोजन हर साल किए जाएंगे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. रंजना यादव ने किया
अपने धन्यवाद प्रस्ताव में क्लब सचिव डॉ. मनीषा बाजपेयी ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, अतिथियों और क्लब पदाधिकारियों, जिनमें सचिव प्रीति सिंह और सांस्कृतिक सचिव प्रियंका सिंह शामिल थीं, और अमृता, आंचल, अनुष्का, अपर्णा, बिजिया मैड म, महिमा, मेनका, मेवादा, नीलम मैडम, नीतू, प्रीति, प्रियंका, रागिनी, राजरानी जी, रेखा सिंह, रूपम , सावित्री , शालिनी, उषा सहित सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

