अपंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर होगी कार्रवाई

जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी, राज्यभर में निरीक्षण शुरू

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। प्रदेश में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों पर सघन निरीक्षण अभियान शुरू हो गया है। सभी जिलाधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है, और स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन की संयुक्त टीमें केंद्रों की पंजीकरण स्थिति, सुविधाएं और मानकों की जांच कर रही हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अभियान मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम-2017 और 2023 की अधिसूचना के तहत संचालित हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना वैध पंजीकरण या मानक विहीन केंद्रों पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा और तत्काल बंदी की कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश में फिलहाल 133 मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (जिसमें नशा मुक्ति केंद्र भी शामिल हैं) अनंतिम पंजीकरण पर चल रहे हैं। अंतिम पंजीकरण से पहले सभी का स्थल निरीक्षण और दस्तावेज़ सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। केवल उन्हीं संस्थानों को अनुमति दी जाएगी, जो न्यूनतम चिकित्सा, प्रशासनिक और सामाजिक मानकों को पूरा करेंगे।

देहरादून और हरिद्वार में औचक निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं। देहरादून के सेलाकुई और हरिद्वार के जीवन ज्योति केंद्र में मानकों का उल्लंघन पाया गया। टीमों ने रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई के लिए भेज दी है।

डॉ० आर० राजेश कुमार,

सचिव,

उत्तराखण्ड शासन।

सेवा में,

समस्त जिलाधिकारी,

चिकि० स्वा० एवं चिकि० शिक्षा अनु०-3

देहरादून, दिनांकः 22 जुलाई, 2025

उत्तराखण्ड। विषयः मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड को कियाशील किये जाने तथा जनपदों में संचालित मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों (नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों सहित) के निरीक्षण किये जाने के सम्बन्ध में।

महोदय,

उपरोक्त विषयक मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में 26.06.2025 को आयोजित बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में राज्य के सभी जनपदों में मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम-2017 के प्रावधानों के तहत गठित मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड (Mental Health Review Boards) को सक्रिय करते हुए, सभी पंजीकृत एवं अपंजीकृत मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों (Mental Health Establishments) का निरीक्षण त्वरित रूप से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है तथा उक्त निरीक्षण दल में उप जिला अधिकारी, पुलिस उपाध्यक्ष एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं समकक्ष चिकित्साधिकारी सम्मिलित होंगे तथा इसके अतिरिक्त सरकारी गजट उत्तराखण्ड संख्या-139621/xxviii-3-2023 ई-फाईल सं0 31629 दिनाकः 24.07.2023 के अध्याय (18) के आलोक में निरीक्षण दल गठित किया जाये, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड की प्रत्येक माह कम-से-कम एक बैठक आहूत किया जाना आवश्यक है।

2 वर्तमान में 07 जनपदों में मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड कार्यशील हैं और शेष 06 जनपदों में इनके गठन की प्रक्रिया गतिमान है। राज्य में कुल आतिथि तक 133 मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों (नशामुक्ति केन्द्र सहित) राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड में अंनतिम रूप से पंजीकृत है तथा इनको न्यूनतम मानको एवं उनके पूर्ति हेतु Undertaking के आधार पर अंतिम पंजीकरण दिया जाना है। निरीक्षण प्रक्रिया के लिए Mental Healthcare Act-2017 तथा राजकीय राजपत्र (Notification) दिनांक 24.07.2023 के अंतर्गत निर्धारित न्यूनतम मानकों के आधार पर तैयार निरीक्षण Check List (संलग्न-1) भेजी जा रही है। यह Checklist स्थानीय आवश्यकतानुसार संशोधित भी की जा सकती है।

  1. प्रकरण में निरीक्षण हेतु यह भी विशेष निर्देश हैं कि ऐसे मानसिक स्वास्थ्य स्थापन जो Clinical Establishments Act-2010 के तहत पूर्व से पंजीकृत हैं, उन्हें अधिनियम-2017 के तहत न्यूनतम मानकों की पूर्ति हेतु Undertaking प्रस्तुत करनी होगी। निरीक्षण टीम में सदस्यों का गठन मानदंडों के अनुसार किया जायेगा, जोकि उत्तरखण्ड असाधारण गजट, 24 जुलाई, 2023 के अध्याय-5 (18) में वर्णित है।
  2. अतः इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि अपने-अपने जनपद में अनंतिम/अंतिम पंजीकरण हेतु आवेदन करने वाले मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों तथा गैर-पंजीकृत मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों का निरीक्षण तात्कालिक रूप से सुनिश्चित करते हुए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, सहस्त्रधारा रोड़,

MHME-3-1/1,14/3/2022-KXVI-3-Medical Health and Medical Education Department-Part1)

1/315818/2025

देहरादून को सुसंगत आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। किसी भी सूचना हेतु राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण को Contact no: 0135-3506204 Email ID: smhauthority007@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।

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