गुर्जर महापंचायत के स्थगन के बाद भी प्रशासन अलर्ट

पांच फरवरी की महापंचायत स्थगित लेकिन पुलिस की चप्पे चप्पे पर रहेगी नजर

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अविकल थपलियाल

सहारनपुर/देहरादून। बेशक गुर्जर समाज ने पांच फरवरी की महापंचायत स्थगित कर दी हो लेकिन पूर्व की घटना से सबक लेते हुए हरिद्वार पुलिस-प्रशासन इस बार कोई ढील नहीं छोड़ना चाहता।

28 जनवरी को चैंपियन के जेल जाने के बाद भी गुर्जर समाज ने महापंचायत का ऐलान किया था। लेकिन राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए चैंपियन की अपील के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों की संख्या में गुर्जर समाज लंढोरा के रंगमहल में एकत्रित हो गए थे। और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी।

गुर्जर समाज के युवाओं ने रंगमहल की छत पर चढ़कर शान के प्रतीक झंडे भी लहराए थे।

इधर, निर्दल विधायक ने एसएसपी हरिद्वार प्रेमेंद्र डोभाल को वीडियो बयान में खुली चेतावनी देकर माहौल गर्मा दिया था। इस गम्भीर चेतावनी के बाद पुलिस महकमे में आक्रोश देखा जा रहा है।

इधर, सूत्रों का कहना है कि पांच फरवरी को कानून तोड़ने वालों की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि एक फरवरी को गुर्जर समाज ने सहारनपुर में बैठक कर महापंचायत का ऐलान कर देश भर के लाखों गुर्जर व सर्व समाज को उत्तराखण्ड के लंढौरा महल पहुंचने का आह्वान किया था। साथ ही विधायक उमेश कुमार की सदस्यता रद्द करने की भी मांग की थी।

यही नहीं, जेल में बंद चैंपियन की जमानत नहीं होने पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मतदान की भी अपील की थी।

बैठक के बाद गुर्जर समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र गुर्जर ने वीडियो बयान जारी कर कहा था कि शासन- प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना।

उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन अपने वादे से मुकर चुका है। लक्सर की महापंचायत को निरस्त करवा दिया गया था।

वीरेंद्र गुर्जर ने कहा कि पांच फरवरी को चैंपियन को जमानत नहीं मिलेगी। और भी जुल्म होंगे।
उन्होंने देश भर के गुर्जर समाज को उत्तराखंड का बार्डर घेरने को कहा था। वीरेंद्र गुर्जर ने सभी से सोशल मीडिया के जरिये महापंचायत के प्रचार प्रसार की भी अपील की थी।

वीरेंद्र गुर्जर ने कहा कि अगर पुलिस रोकती है तो वहीं खूंटा गाड़कर बैठ जाओ। उन्होंने ऐलानिया अंदाज में कहा कि अगर पांच फरवरी को चैंपियन जेल से बाहर नहीं आते तो दिल्ली के चुनाव में भाजपा को हराओ।

उन्होंने समाज के अन्य नेताओं की मौजूदगी में कहा कि उमेश कुमार पर राजद्रोह का मुकदमा चले। और उसकी विधानसभा की सदस्यता रद्द की जाय।

वीरेंद्र गुर्जर ने कहा था कि प्रदेश सरकार गुर्जरों के रंगमहल को भी अपने अधिकार में लेना चाहती है। इसलिए समाज के लाखों लोग महापंचायत में हिस्सा लें और दिल्ली के चुनाव में अपनी ताकत दिखाए। वीरेंद्र गुर्जर ने कहा कि दिल्ली को गुर्जरों की दिल्ली कहा जाता है।

पांच फरवरी को दिल्ली विधानसभा में मतदान के दिन ही गुर्जर समाज की महापंचायत की घोषणा से प्रदेश से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई थी।

इसके ठीक अगले दिन गुर्जर समाज ने पांच फरवरी की महापंचायत के स्थगन की घोषणा की। और कहा कि हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। कोर्ट की हर बात मान्य होगी। समाज ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार से रंगमहल में आकर माफी मांगने को कहा।

गौरतलब है कि गुर्जर समाज लगातार हरिद्वार पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। उमेश को मिल रहे संरक्षण से गुर्जर समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। चैंपियन को जेल और उमेश को बेल के मुद्दे पर प्रशासन गुर्जर समाज के आक्रोश की झलक पहले ही देख चुका है।

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