भाजपा के चुनावी शंखनाद के शोर में डूब गया अग्निवीर भर्ती का मुद्दा

पीएम मोदी व रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट अग्निवीर भर्ती मसले पर रहे मौन

लोकसभा चुनाव के अहम मुद्दों में शुमार है अग्निवीर भर्ती योजना

फौजी बहुल उत्तराखंड में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर पनप रहा आक्रोश

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। लोकसभा चुनाव का सबसे ज्वलन्त मुद्दा बन चुका अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर भाजपा नेतृत्व ने चुप्पी साध ली है। जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी व रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट अग्निवीर पर कुछ बोलेंगे । पीएम मोदी ने अपने 35 मिनट के भाषण में कई उपलब्धियां गिनाईं, प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कही। फौजी परिवारों को आकर्षित करने के लिए वन रैंक वन पेंशन का भी जिक्र किया। लेकिन लगभग दो साल पहले शुरू की गई अग्निवीर भर्ती योजना को अपनी उपलब्धियों में शामिल नहीं किया।

दरअसल,सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निवीर स्कीम के नियमों से प्रदेश के युवाओं को गहरा झटका भी लगा है। उत्तराखंड में सेनामें भर्ती की तैयारी कर रहे युवा अग्निवीर भर्ती में असफल होने पर आत्महत्या भी कर चुके हैं। पिछले दिनों अग्निवीर की भर्तियों का आंकड़ा भी उत्साहजनक नहीं रहा। इससे भी युवाओं और परिजनों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। पूर्व में गढ़वाल, कुमायूं व गोरखा रेजिमेंट में प्रतिवर्ष प्रदेश के युवाओं की भर्ती का आंकड़ा हजारों में पहुंचता था। लेकिन अब भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में विशेष गिरावट देखी गयी है।

प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक पूर्व सैनिक परिवार है।इसके अलावा हजारों युवा सेना में भर्ती होकर सीमा की रक्षा में जुटे हुए हैं। अग्निवीर भर्ती में सेना की चार साल की नौकरी के बाद सड़क पर आने की चिंता से भी जनता में असंतोष देखा गया है। मतदाता भी खुलकर अपनीं नाराजगी जता रहा है। सीमान्त हिमालयी राज्य उत्तराखंड में फौज की नौकरी लाखों परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार रहा है। शहादत देने वालों में उत्तराखंड के वीर सैनिक हमेशा से आगे भी रहे हैं।

लेकिन बीते कुछ समय से अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर पनप रहा आक्रोश इस लोकसभा चुनाव का अहम मुद्दा भी बन गया है। भाजपा की विजय शंखनाद रैली में केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने पीएम मोदी की तारीफ व विकास योजनाओं के बाबत काफी कुछ कहा। लेकिन अग्नि वीर भर्ती योजना के पर कुछ न कहकर कन्नी काट गए।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अंकिता भण्डारी, बेरोजगारी,महंगाई के अलावा अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के प्रारूप से पहाड़ के युवाओं के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है।

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