सहकारी बैंक भर्ती घोटाले में सत्ता संरक्षण के आरोप!

शासन में धूल फांक रही रिपोर्ट, कार्रवाई से बच रही सरकार: जन संघर्ष मोर्चा

अविकल उत्तराखंड

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर सहकारी बैंक की चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/गार्ड) भर्ती वर्ष 2022 में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया।

नेगी ने कहा कि इस भर्ती में बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ। नियमों की खुलेआम अनदेखी की गई और योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हुआ।

नेगी ने सवाल उठाया कि अगर सरकार सच में ईमानदार थी, तो फिर विभागीय मंत्री और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि देहरादून, उधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ जिलों की जांच रिपोर्ट क्रमशः 20 जून 2022, 2 सितंबर 2022 और 26 सितंबर 2022 को शासन को सौंप दी गई थीं, लेकिन आज तक ये रिपोर्टें सदन के पटल पर नहीं रखी गईं। राजभवन और मुख्यमंत्री से भी बार-बार आग्रह के बावजूद सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।

नेगी ने कहा कि सचिव सहकारिता द्वारा भर्ती में अनियमितताएं पाए जाने के बाद पूरी भर्ती निरस्त करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सरकार ने सिर्फ दो-चार लोगों पर कार्रवाई कर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरी पाने वाले कई अभ्यर्थियों ने चयन के समय अपने बैंक खातों से 10-15 लाख रुपये तक का लेनदेन किया था, जिसकी कोई गंभीर जांच नहीं की गई।

उन्होंने यह भी बताया कि सहकारिता विभाग ने 423 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती कराई थी, जिसमें देहरादून, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी।
सरकार ने 1 अप्रैल और 4 अप्रैल 2022 को जांच कमेटियां गठित की थीं, लेकिन ढाई-तीन वर्ष बीतने के बावजूद घोटाले पर पर्दा डाला जा रहा है।

मोर्चा ने मांग की कि सरकार अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करे और काबिल उम्मीदवारों के साथ हुई नाइंसाफी पर सार्वजनिक माफी मांगे।
इस मौके पर मोर्चा महासचिव आकाश पंवार और दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।

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