वाहन की छत पर शव बांधकर घर ले जाने की घटना से सरकार ने उठाये कदम
एसओपी जारी होगी.डीएम करेंगे घर तक शव पहुंचाने व दाह संस्कार की व्यवस्था
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। हाल ही में हल्द्वानी में गरीब बहन अपने भाई के शव को मैक्स वाहन की छत पर बांधकर 195 किमी दूर अपने घर ले गयी। गरीब बहन के पास पैसे नहीं थे। कोई भी एम्बुलेंस वाला गरीब बहन की गुहार पर नहीं पसीजा।
दिल को झकझोर देने वाली इस ह्रदयविदारक घटना के बाद धामी सरकार हरकत में नजर आयी। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो। और यह सुनिश्चित करते हुए अविलम्ब इसकी एसओपी तैयार की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि अस्वस्थता के कारण किसी मृतक व्यक्ति के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारजनों के द्वारा मृतक के दाह संस्कार में कठिनाई व्यक्त करने पर इसके लिए आर्थिक सहायता अथवा मृतक व्यक्ति के दाह संस्कार की व्यवस्था संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी अपने स्तर से सुनिश्चित करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने ऐसे परिवारों जिन्हें मृतक के शव को उनके घर तक पहुंचाने के लिए आर्थिक समस्या हो रही हो, ऐसे व्यक्ति के शव को एबुलेंस के माध्यम से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी जिलाधिकारी अपने स्तर से करेंगे।
यह था मामला -वाहन की छत पर शव बांध ले गए घर
हल्द्वानी में एक कंपनी में काम करने वाले युवक ने विषैला पदार्थ गटक लिया। युवक के साथ ही उसकी बहन भी काम करती है। भाई के शव को एंबुलेंस में गांव लेकर जाने के लिए बहन के पास पैसे नहीं थे, इस वजह से बहन गाड़ी की छत पर शव को बांधकर ले गई।
बेटे को मां-बाप ने बुढ़ापे का सहारा बनेगा करके पाला, लेकिन उसने अज्ञात कारणों के चलते विषैला पदार्थ गटक लिया। बहन एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को एंबुलेंस में लेकर जा सके। उसने गांव वाले टैक्सी मालिक से मदद मांगी। इसके बाद शव को रिश्तेदार और टैक्सी वाले की मदद से छत में बांधकर ले गई।
गरीबी के कारण तमोली ग्वीर बेरीनाग पिथौरागढ़ निवासी शिवानी हल्द्वानी में काम करने आई। वह हल्दूचौड़ में एक कंपनी में करीब छह महीने से काम कर रही थी। घर में माता-पिता एक भाई और एक बहन हैं। पिता बुजुर्ग होने के कारण पहाड़ में ही खेती बाड़ी करते हैं। उसने अपने भाई अभिषेक कुमार (20) पुत्र गोविंद प्रसाद को भी कंपनी में काम करने बुला लिया। दो महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा। शिवनी हल्दूचौड़ में ही किराए के कमरे में रहती थी।
शिवानी ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह और भाई दोनों काम करने गए। एक घंटा काम करने के बाद अभिषेक ने सिर में दर्द होने की वजह से कंपनी से छुट्टी ली और घर गया। इसके बाद उसकी बहन ने उसे कई बार कॉल किया। लेकिन अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई। दिन में खाना खाने के समय शिवानी घर गई, तो वहां दवाई की बदबू आ रही थी। लेकिन घर में कोई नहीं था।
करीब ढ़ाई बजे पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से अभिषेक को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर घर पर सूचना के बाद रिश्तेदार भी बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए। उधर शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
उधर, शिवानी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को एंबुलेंस में घर ले जा सके। उसने एंबुलेंस वालों से पूछा तो किसी ने 10 तो किसी ने 12 हजार रुपये शव ले जाने के मांगे। उधर शिवानी ने पैसे की कमी के कारण अपने गांव के टैक्सी मालिक से संपर्क किया। इसके बाद शव को टैक्सी के उपर बांधकर बेरीनाग ले जाया गया। अभिषेक घर का इकलौता पुत्र था। उसकी दो बहनें हैं। (साभार- अ. उ.)
शीतकालीन स्थलों के पौराणिक महत्व एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार पर जोर
मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत उनके शीतकालीन स्थलों के पौराणिक महत्व एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का प्राचीन काल से ही अपना विशिष्ट महत्व रहा है और श्रद्धालु इन स्थलों पर देव दर्शन करते रहे हैं।
इन शीतकाल स्थलों के दर्शन से भी वही पुण्य प्राप्त होता है, जो नियमित यात्रा के दौरान होता है। शीतकाल में श्री केदारनाथ की ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में, बदरीनाथ की पाण्डुकेश्वर और नर्सिंग मंदिर ज्योर्तिमठ में, यमुनोत्री के खरसाली और गंगोत्री के मुखवा में पूजा अर्चना होती है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
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