कमिश्नर के मंडल मुख्यालय पौड़ी में नहीं बैठने पर फूटा आक्रोश

पौड़ी नागरिक कल्याण एवं जागरूक विकास समिति ने धरना देकर जताई नाराजगी

पौड़ी में फुल टाइम मंडलायुक्त की मांग ने पकड़ा जोर

सीएम कार्यालय में अहम जिम्मेदारी सम्भाल रहे कमिश्नर पौड़ी को नहीं दिया रहे समुचित समय

अविकल उत्तराखंड

पौड़ी। एक बार फिर पौड़ी में मंडलायुक्त के नहीं बैठने का मुद्दा गर्मा गया। बरसों बरस से जारी इस समस्या के समाधान की मांग फिर नये सिरे से उठ खड़ी हुई। लिहाजा, मंडल मुख्यालय पौड़ी में कमिश्नर के स्थायी तौर पर नहीं बैठने को लेकर स्थानीय नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कमिश्नर मुख्यालय में शनिवार को धरना देकर कड़ा विरोध भी जता दिया।

शनिवार को धरने पर बैठे नागरिक कल्याण एवं जागरूक विकास समिति के सदस्यों ने कहा कि पौड़ी की लगातार उपेक्षा होती रही है। और इस शासन में भी पौड़ी में मंडलायुक्त पूरा समय नहीं दे रहे। आरोप लगाया कि मंडलायुक्त विनय शंकर पांडे के देहरादून में ज्यादा बिजी होने की वजह से वे पौड़ी में समय नहीं दे पा रहे हैं। नतीजतन, स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। यही नहीं, कमिश्नर विनय शंकर पांडे के पौड़ी से अक्सर गैरहाजिर रहने के कारण अन्य अधिकारियों की कार्यशैली पर भी असर पड़ रहा है।

समिति के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत एवं सचिव गबर सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि कमिश्नर पांडे के स्थाई रूप से न बैठने से पौड़ी का विकास अवरुद्ध हो गया है । उन्होंने कहा कि इन दिनों चारधाम यात्रा व आपदा को लेकर बड़े अधिकारियों का पौड़ी प्रवास विशेष तौर पर अहम माना जा रहा है। मंडलायुक्त के कम पौड़ी प्रवास से स्थानीय स्तर जन समस्याएं व विकास योजनाओं के संचालन पर भी असर पड़ रहा है।

गौरतलब है कि गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे को सीएम कार्यालय में अहम जिम्मेदारी मिली हुई है। नतीजतन, पांडे का पौड़ी मंडल मुख्यालय बैठना कम ही हो पाता है। धरने पर बैठीं पूर्व पार्षद अनीता रावत व गिरीश बर्थवाल ने कगया कि अधिकांश मंडलीय कार्यालय देहरादून शिफ्ट हो गए हैं जिस वजह से मंडल मुख्यालय सिर्फ नाम का रह गया है। सीएम के निर्देशों के बाद भी मंडलीय अधिकारी देहरादून का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं।

धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि इससे अच्छी व्यवस्था तो उत्तर प्रदेश के समय थी। उत्तराखंड बनने से पहले पौड़ी में दर्जनों कार्यालय थे। पौड़ी में फरियादियों का आना जाना लगा रहता था। मंडलीय अधिकारी पौड़ी बैठकर ही लोगों की समस्याएं हल करते थे।लेकिन राज्य गठन के बाद अधिकांश कार्यालय देहरादून शिफ्ट हो गए। और अधिकारियों ने अपनी सुविधा के लिए देहरादून में कैम्प कार्यालय बना दिये हैं।

नागरिक समिति ने कहा कि स्थायी रूप से पौड़ी में मंडलायुक्त के बैठने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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