सैकड़ों लोगों ने की नारेबाजी, पुलिस से झड़प व पथराव
स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग बने-नेता विपक्ष
देखें, छावनी के बीच विरोध प्रदर्शन के वीडियो
अविकल थपलियाल
कोटद्वार। एक ओर अंकिता मर्डर केस को लेकर अदालत परिसर में गहमागहमी बनी हुई थी। वहीं दूसरी ओर ,कोर्ट परिसर के बाहर भारी तनाव व बेचैनी का आलम था।
छावनी इन तब्दील हुए कोर्ट परिसर कयास पास जमकर नारेबाजी भी हुई। जोर आजमाइश भी और पथराव भी। निषेधाज्ञा के बीच पथरावबाजी की घटना को देखते हुए पुलिस मुकदमा लिखने की तैयारी में भी है।
फैसला आने से पहले विभिन्न राजनीतिक दल व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता पुलिस बैरिकेडिंग के साथ जोर आजमाइश करते हुए जमकर नारेबाजी कर रहे थे।
‘अंकिता हम शर्मिंदा है तेरे कातिल जिंदा है.. अभियुक्तों को फांसी दो..वीआईपी कौन है..सीबीआई जांच जरूरी… के नारों के साथ कोटद्वार का आकाश घण्टों गूंजता रहा। कुछ लोग बैरिकेडिंग पर चढ़कर भी नारेबाजी करते देखे गए। यही नहीं, पुलिस के साथ कई बार झड़प व खींचतान भी चली।
पुलिस प्रशासन ने लगभग 500 पुलिसकर्मियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया हुआ था। कांग्रेस नेत्री ज्योति रौतेला, बॉबी पंवार,दिनेश चंद्र मास्टर जी, राम कंडवाल समेत कई नेता पुलिस बैरिकेडिंग पर दबाव बनाए हुए थे।
पुलिस ने भी फैसले की संवेदनशीलता को समझते हुए कई जगह पर अवरोध खड़े किए हुए थे। अभियुक्त पुलकित, सौरभ व अंकित पर सम्भावित हमले को देखते हुए कोर्ट परिसर से 150 मीटर दूर बैरिकेडिंग की गई थी।
फैसला आने के बाद मौजूद जनता ने फांसी फ़ौ फांसी दो समेत अन्य नारे लगाते हुए उग्र प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेत्री ज्योति रौतेला ने कहा कि इस मुद्दे को आगे भी लड़ा जाएगा।
अंकिता हत्याकांड में बार -बार वीआईपी का नाम आने के बाद भी जांच न होने पर भी जनता में साफ नाराजगी दिखी।
फैसला आने के बाद पुलिस-प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों अभियुक्तों को सकुशल बाहर निकाला।
शुक्रवार को अंकिता मर्डर केस के फैसले के बाद बाद विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने नये सिरे से कमर कस ली है।
वीआईपी का नाम सार्वजनिक हो-नेता विपक्ष
कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने उत्तराखंड की बेटी #अंकिता_भंडारी की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हम सब लोग न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार के अभियोजन पक्ष ने #VIP को बचाने में सफलता पा ली है।आज भी प्रदेश की जनता चाहती है की उस वीआईपी का नाम सार्वजनिक हो । रिजॉर्ट क्यों तोड़ा गया ? सवाल है इस सिस्टम पर VIP के लिए कानून धीमा क्यों? ये सवाल जिनका जवाब कब मिलेगा ?
कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें:
- VIP की पहचान सार्वजनिक की जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई हो।
- सुप्रीम कोर्ट में अपील कर फांसी की सज़ा की मांग की जाए।
- एक स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग गठित किया जाए, जो इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करे।
महिला कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग उठाई
महिला कांग्रेस लगातार अंकिता हत्याकाण्ड की सीबीआई से जॉच करवाये जाने की मांग कर रही हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला व मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि राज्य की जनभावनायें थी कि इन दरिन्दों को फांसी की सजा हो। परन्तु कांग्रेस ने सदैव कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया है।
उन्होंने कहा, हमें इस बात का मलाल है कि जिस वीआईपी के लिए अंकिता पर दबाव डाला गया था । आज तक राज्य सरकार के अभियोजन पक्ष की कमी के कारण उसका खुलासा नही हुआ है, जो कि बहुत दुःखद है। उन्होंने कहा राज्य सरकार को चाहिए कि अन्य लोग इस हत्याकाण्ड में संलिप्त है उनको भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस का तब तक संघर्ष जारी रहेगा जब तक अंकिता भण्डारी को न्याय नही मिल जाता। उन्होंने कहा जब तक वीआईपी का खुुलासा नही होगा कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक लगातार संघर्ष करती रहेगी।

