कौलागढ़ में नशा विरोधी जागरूकता मार्च

सैकड़ों लोग हुए शामिल, 1 सितंबर को नेहरूग्राम में निकाला जाएगा मार्च

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। नशा विरोधी जन अभियान टीम की ओर से इस बार कौलागढ़ में जन जागरूकता मार्च निकाला गया। यह अभियान का दूसरा मार्च था। इससे पहले 11 अगस्त को पंडितवाड़ी में मार्च निकाला गया था। कौलागढ़ में निकाले गये मार्च में एक बार फिर दर्जनों संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में इस मार्च में शामिल हुए। लोगों का कहना था कि आने वाले दिनों में कौलागढ़ में नशे के खिलाफ एक बड़ा मार्च निकाला जाएगा।

जागरूकता मार्च की शुरुआत कौलागढ़ के पंचायत भवन से हुई। सुबह विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पंचायत भवन में एकत्रित हुए। यहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में टीम के सदस्य त्रिलोचन भट्ट और निर्मला बिष्ट ने देहरादून और पूरे उत्तराखंड में ड्रग्स की बढ़ती प्रवत्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि ड्रग्स को यहीं नहीं रोका गया तो आने वाले समय में बेहद भयंकर स्थिति सामने आने वाली है। उन्होंने कहा कि नशे के धंधेबाजों की नजर हमारे एक-एक बच्चे पर है। वे हर बच्चे को नशेड़ी बनाने की फिराक में हैं, ताकि मोटा पैसा कमा सकें। उनका कहना था कि एक बार कोई नशे की चपेट में आ जाता है तो फिर बाहर निकलना बहुत कठिन होता है। अब तक कई युवाओं की मौत हो चुकी है।

पंचायत भवन से हाथों में तख्तियां लेकर, नारे लगाते हुए और जनगीत गाते हुए जागरूकता मार्च निकाला गया। यह मार्च कौलागढ़ की सभी गलियों और मुख्य सड़कों से गुजरा। लोगों के हाथों में तख्तियां थी, जिन पर लोगों को ड्रग्स को लेकर सावधान होने के स्लोगन लिखे हुए थे। लोग जन-जन ने ये ठाना है, नशे को भगाना है। नशा नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो, नशे पर पाबंदी होगी, महिला हिंसा तभी रुकेगी, आज ही बोलो-नशे को ना, अभी बोला-नशे को ना जैसे नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही नशा विरोधी जनगीत गा रहे थे। इस दौरान पर्चे भी बांटे गये। पर्चे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मुहिम से जुड़ने की अपील की गई है।

मार्च एफआरआई के कौलागढ़ गेट पर समाप्त हुआ। टीम की सदस्य और उत्तराखंड महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत ने कहा कि कौलागढ़ में लोगों का अच्छा समर्थन मिला, हालांकि कई ऐसे लोग भी मिले, जिन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के मार्च की जानकारी नहीं थी। उनका कहना था कि लोगों में नशे के खिलाफ सख्त नाराजगी है, जरूरत सिर्फ लोगों तक पहुंचने और उन्हें अभियान में शामिल करने की है। इस मौके पर 1 सितंबर को नेहरूग्राम में जागरूकता मार्च निकालने का ऐलान किया गया। ये कैसी राजधानी है, जैसे जनगीत के रचियिता चंदन नेगी ने अपील की कि हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति इस आंदोलन से जुड़े। ऐसा नहीं किया गया तो नशा उत्तराखंड के एक-एक घर तक पहुंचने वाला है।

जन जागरूकता मार्च में मुख्य रूप से उत्तराखंड इंसानियत मंच, उत्तराखंड महिला मंच, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, राष्ट्रीय जन विज्ञान, जन संवाद समिति, सिटीजन फॉर ग्रीन दून, इप्टा, सर्वोदय मंडल आदि संगठन शामिल हुए। जिन प्रमुख लोगों ने मार्च में हिस्सा लिया, उनमें प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा, पूर्व शिक्षा निदेशक डॉ. नन्द नन्दन पांडेय, जनगीत गायक सतीश धौलाखंडी के साथ ही लक्ष्मी थापा, बबीता मैठाणी, मातेश्वरी रजवार, शांता नेगी, पद्मा गुप्ता, बबीता डंगवाल, ऊषा भट्ट, विजय नैथानी, शकुंतला मुंडेपी, हरिओम पाली, विजय भट्ट, हिमांशु अरोड़ा, राजेन्द्र प्रसाद सेमवाल, सुनील बिष्ट आदि शामिल थे।

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