ग्रामीणों को संक्रमण से बचने के तरीके सिखाये
अविकल उत्तराखंड/ रूद्रप्रयाग। ग्राफिक एरा की टीम ने अगस्तयमुनि ब्लॉक में ग्रामीणों को विभिन्न संक्रामक रोगों से बचाव के गुर सिखाये। इसके लिए आयोजित जागरुकता सम्मेलन में चिकित्सकों ने ग्रामीणों को संचारी रोगों से बचने और सुरक्षित रहने के उपाय सिखाने के साथ ही 124 लोगों का उपचार भी किया।
अगस्तयमुनि ब्लॉक के रतूड़ा गांव में आयोजित जागरूकता सम्मेलन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म के प्रोफेसर व निदेशक अवस्थापना डॉ सुभाष गुप्ता ने ग्राफिक एरा के शानदार कीर्तिमानों और सामाजिक सरोकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्राफिक एरा युवाओं को इस तरह प्रशिक्षित करता है कि वे देश विदेश की विख्यात कम्पनियों में ऊंचे पैकेज पाने के साथ ही बेहतरीन इंसान के रूप में भी अपनी पहचान बनाते हैं। डॉ गुप्ता ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर रहने, कारोबार करने, यात्रियों के सीधे सम्पर्क में आने वाले लोगों को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाना बहुत महत्वपूर्ण है। इन्हें संक्रमण से बचाकर पूरे क्षेत्र और दूसरे यात्रियों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
डॉ रचित गर्ग ने कोविड के अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी भी तरह के संक्रमण से बचने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका कुछ दूरी रखना और गलब्स इस्तेमाल करना है। किसी भी लेनदेन के बाद हाथ सैनिटाइज करना जरूरी है। रोग होने के बाद की परेशानियों से बचने के लिए ये सावधानियां बहुत सरल भी हैं और कारगर भी। ग्राफिक एरा अस्पताल देहरादून से आये डॉ मुकुल चौहान ने कहा कि बार बार हाथ धोना और किसी के सम्पर्क में आने से पहले मास्क लगाना आवश्यक है। डॉ मारिशा पंवार ने कहा कि कोविड का बुरा दौर गुजर गया है, लेकिन सावधानियां बरतना जरूरी है क्योंकि देश विदेश से हर रोज हजारों यात्री उत्तराखंड आते हैं। इनमें संक्रमित व्यक्ति भी हो सकते हैं। डॉ मारिशा ने कहा कि मंकी पॉक्स, डेंगू, हेप्पेटाइटिस, खसरा और किसी भी वायरस के जरिये फैलने वाले रोग से बचे रहने के लिए सतर्क रहना तथा सावधानियां बरतना आवश्यक है। ग्राफिक एरा अस्पताल देहरादून के डॉ रोहित शर्मा ने संक्रमण से बचने के उपायों पर विस्तार से प्रकाश डालने के साथ ही किसी भी तरह का संक्रमण होने पर तत्काल बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी। जागरूकता सम्मेलन का संचालन डॉ हिमानी बिंजोला ने किया।
सम्मेलन के बाद ग्राफिक एरा के डॉक्टरों की टीम ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। गांव में 124 लोगों को विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाएं दी गईं। इस शिविर में इलाज के लिए पहुंचने वालों में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल थे। सम्मेलन में पहुंचे सभी ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के लिए ग्राफिक एरा अस्पताल की ओर से एक एक किट भेंट की गई।
सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद (यूकोस्ट) के सहयोग से किया। सम्मेलन में ग्राफिक एरा से डॉ विदुषि नेगी और अकबर नवाज भी शामिल हुए। रतूड़ा की ग्राम प्रधान लीला देवी, सामाजिक कार्यकर्ती सरला खंडूडी और राजेंद्र सिंह नेगी ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और यूकोस्ट का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता सम्मेलन के आयोजन, रोगियों के निशुल्क उपचार, दवाएं देने और संक्रमण से बचाव के लिए किट उपलब्ध कराने के लिए आभार व्यक्त किया। इस टीम ने आज शाम तिलवाड़ा में भी पर्यटन से जुड़े लोगों को संक्रमण से बचाव के तरीके सिखाने के साथ ही किट भी प्रदान कीं।
24 जून को ऐसा ही जागरुकता सम्मेलन का आयोजन टिहरी जनपद के कीर्तिनगर ब्लॉक के पेण्डुला गांव में किया जाएगा।
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