आपदा प्रभावित पाटा गांव के पुनर्वास का बी-प्लान तैयार

जियोलॉजिकल सर्वे और टीएचडीसी तैयार करेंगे पुनर्वास डिज़ाइन

डीएम ने ग्राउंड जीरो पर देखीं आपदा जनित समस्याएं

जजरेट स्लोप पर तत्काल स्वीकृति

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने शुक्रवार को मानसून के मद्देनज़र विकासनगर से चकराता तक सड़कों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। दुर्गम क्षेत्रों में पहुँचकर उन्होंने लोगों की समस्याएँ सुनीं और मौके पर ही कई अहम फैसले लिए।

जजरेट स्लोप पर अनुमति, डीपीआर के निर्देश

कालसी-चकराता मार्ग पर जजरेट स्लाइड जोन में लगातार भूस्खलन के कारण बाधित हो रही सड़क के समाधान के लिए डीएम ने आपदा एक्ट की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए वन भूमि हस्तांतरण और क्षतिपूर्ति का मामला मौके पर ही निपटा दिया। लोक निर्माण विभाग को तत्काल रॉक फॉल बैरियर लगाने और डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए।

दुर्गम गांवों के लिए त्वरित राहत

ध्वेरा, जड़वाला और हईया में सुधारीकरण के लिए 10 लाख रुपये की राहत राशि स्वीकृत।

पाटा-बमराड़ गांव में भूस्खलन के मद्देनज़र जियोलॉजिकल सर्वे और टीएचडीसी से डिज़ाइन तैयार कराने के निर्देश।

पाटा गांव के भू-धंसाव का ट्रीटमेंट और पुनर्वास के लिए बी-प्लान तैयार करने के आदेश।

साहिया के पास सड़क पुश्ता और बिजली पोल की सुरक्षा के लिए त्वरित प्रोटेक्शन वर्क।

सीएचसी चकराता का निरीक्षण

डीएम ने चकराता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने आरवीजी एक्सरे मशीन रिपेयर, प्रसूति कक्ष में एलईडी लाइट लगाने, ओपीडी व पंजीकरण काउंटर का विस्तार और भवन निर्माण हेतु भूमि सीमांकन कराने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार, सीएमओ डॉ. मनोज कुमार, सीई लोनिवि ओमपाल सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

डीएम का संदेश

“मानसून में पहाड़ों की लाइफ लाइन — सड़कें — हर हाल में दुरुस्त रखी जाएंगी। जनहित में जो भी ज़रूरी होगा, तुरंत किया जाएगा।”

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