अविकल उत्तराखंड
नरेन्द्रनगर। उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता इंद्रमणी बड़ोनी की जन्मशती बौद्धिक, शैक्षिक गतिविधियों एवं सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता के संकल्प प्रस्ताव को पारित करने के साथ धूमधाम से मनाई गई।
राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर में आज गांधीवादी आंदोलनकारी एवं पृथक उत्तराखंड राज्य के विचार बीज इंद्रमणि बडोनी के 101 वें जन्मदिन पर उनके कार्यों को याद किया।
इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य यू सी मैठाणी ने कहा कि स्वर्गीय बडोनी एक विचार एवं त्याग की मिसाल थे। उत्तराखंड के वर्तमान स्वरूप को उकेरने में उनकी भूमिका बेमिसाल है।
डॉ जितेंद्र नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड के महान आंदोलनकारी, महान विभूतियां हमेशा ही हमें सूक्ष्म रूप से उच्च आदर्शों ,त्याग और बलिदान की प्रतिस्थापना के लिए प्रेरित करती रहती हैं,उनमें स्वर्गीय बडोनी एक हैं।उन्होंने कहा कि बडोनी की सोच समृद्ध संस्कृति के साथ विकास की थी।
वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रयोगशाला सहायक वर्षा रानी ने अपने वक्तव्य में बडोनी के जीवन वृत पर प्रकाश डालते हुए उनके पारिवारिक, शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं आंदोलनात्मक गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम संयोजक डॉ विक्रम सिंह बर्तवाल ने स्वर्गीय बडोनी पर स्वरचित कविता “तुम 56 में राजपथ के कलाकार …… सुनाई।
इससे पूर्व प्रभारी प्राचार्य यू सी मैठाणी के नेतृत्व में कार्यक्रम संयोजक और कॉलेज कार्मिकों ने स्व० बडोनी के चित्र पर फूल माला एवं पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष अनुज सिंह कालूडा,सचिन वैष्णवी बगियाल, सह- सचिव सिमरन आदि कई छात्र-छात्राएं एवं कॉलेज प्राध्यापक डॉ हिमांशु जोशी, डॉ संजय कुमार,डॉ रंजीता जौहरी शिक्षणेत्तर कर्मचारी सत्येंद्र कुमार,विशाल त्यागी, सोनिया सैनी, रमा बिष्ट आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।

