BADRINATH BY ELECTION 2024- GODIYAL REVENGE OF POLITICAL BET RAYAL
गोदियाल ने भंडारी से मिले राजनीतिक धोखे का बखूबी बदला लिया
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गोदियाल ने मतदाता को दिलाई याद.. भंडारी ने, मेरी पीठ पर छुरा भोंका.. दुख दिया..
अविकल थपलियाल की रिपोर्ट
देहरादून। राजनीति और खेल में बदला लेने की अहम भूमिका मानी जाती है। अक्सर कहा जाता है कि अमुक खिलाड़ी या टीम ने पिछली हार का बदला ले लिया। अमुक राजनीतिज्ञ ने अपने साथ हुए धोखे का बदला ले लिया..आदि आदि ऐतिहासिक बदरीनाथ उपचुनाव का परिणाम भी राजनीतिक धोखे के बदले की एक नई कहानी गढ़ गया।
विश्वास के साथ रातों रात हुए धोखे के साथ ही राजेन्द्र भंडारी को सबक सिखाने की नींव पड़ गयी थी। 2022 की प्रचंड मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस के राजेन्द्र भंडारी ने बदरीनाथ सीट पर भाजपा के महेंद्र भट्ट को शिकस्त दी थी। दोनों ही कई बार इस सीट पर एकदूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू होते ही कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी ने मार्च के महीने इन कांग्रेस की जनसभा में स्वंय के भाजपा में जाने सम्बन्धी खबरों का जोरदार शब्दों में खंडन किया। साफ कहा कि यह सब अफवाह है और वे कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जा रहे। भंडारी की इस बात पर जोरदार ताली बजी (देखें वीडियो)।
इस जनसभा में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी गणेश गोदियाल समेत भी मौजूद थे। इस जनसभा के 24 घण्टे के अंदर विधायक भंडारी ने दिल्ली में भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी अनिल बलूनी के नेतृत्व में कमल का फूल थाम लिया।
कांग्रेस विधायक के मंच से बोले गए सफेद झूठ के बाद भाजपा का दामन थाम लेने से कांग्रेस के साथ पार्टी प्रत्याशी गोदियाल के लिए यह निजी झटका माना गया।
चमोली जिले में कांग्रेस प्रत्याशी गोदियाल बहुत कुछ विधायक राजेन्द्र भंडारी पर निर्भर कर रहे थे। गोदियाल ने अपनी जनसभाओं में इस धोखे को पीठ में छुरा भोंकना बताया।
पहाड़ की राजनीति में बहुत बार नेताओं ने दल बदल किया। लेकिन सार्वजनिक मंच से भाजपा को जमकर कोसने के बाद तुरंत कमल को पकड़ लेने की राजनीतिक घटनाएं कम ही सामने आई ।
पौड़ी लोकसभा प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने पूरे प्रचार के दौरान चुनाव को उठाने के साथ भंडारी के धोखे का बदला लेने की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया। इस बीच, भंडारी के बयानों से जुड़े ऑडियो और वीडियो के प्रचार प्रसार से भी कांग्रेस विपरीत माहौल बनाने में सफल रही।
19 अप्रैल के मतदान के बाद गोदियाल ने मतदाताओं से आभार प्रकट करने के साथ सम्पर्क बनाये रखा। और भंडारी के इस्तीफे के बाद बदरीनाथ विधानसभा सीट के संभावित उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी।
बदरीनाथ के पोखरी ब्लाक के लखपत बुटोला की दावेदारी पर अंदरखाने मुहर लग चुकी थी। भंडारी भी पोखरी ब्लाक से ही हैं। इधर,लोकसभा चुनाव में भाजपा को बदरीनाथ सीट से 8 हजार की बढ़त मिली। भाजपा के रणनीतिकार इस बढ़त के बाद उपचुनाव की जीत को लेकर मुतमईन हो गए।
लेकिन गोदियाल व अन्य कांग्रेस के रणनीतिकार इस बढ़त के बाद बदरीनाथ विधानसभा के गांव-गांव में पहुंच गए। स्वंय गोदियाल व पार्टी समर्थकों ने गांव गांव जाकर भंडारी से मिले धोखे की कहानी सुनाई।
यही नहीं, गणेश गोदियाल की टीम ने भंडारी की वजह से असहज भाजपा के निष्ठावान नेता व कार्यकर्ताओं के राजनीतिक भविष्य पर मंडराते खतरे को भी खूब भुनाया।
2022 के विधानसभा चुनाव राजेन्द्र भंडारी का ब्राह्मणों के खिलाफ बोली गईं बातों से जुड़ा ऑडियो भी खूब वॉयरल हुआ।
लोकसभा चुनाव में डेढ़ लाख की जीत के बाद भाजपा इस उपचुनाव में भी मोदी लहर के भरोसे बैठी रही। बदरीनाथ उपचुनाव को देख रहे भाजपा के नेता इस उम्मीद में रहे कि मोदी के नाम पर फिर नैया पार हो जाएगी। जबकि कांग्रेस व वामदल भंडारी के दलबदल, जोशीमठ आपदा समेत स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाता के बीच जा रहे थे।
इधर, लोकसभा चुनाव की हार के बाद जख्म खाये गणेश गोदियाल ने भंडारी से मिले धोखे का जवाब देने के लिए दिन रात एक कर दिया था। गढ़वाली बोली में मतदाताओं से संवाद कायम रखा। और बार बार कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को भंडारी के दलबदल व अवसरवादी फैसले की याद दिलाते रहे।
अंततः भंडारी के गोदियाल की पीठ पर छुरा भोंकने और ‘राजनीतिक धोखे’ का बदरीनाथ की जनता ने बदला ले लिया। उत्तराखण्ड की राजनीति में बदरीनाथ उपचुनाव को Godiyal Revenge of Political Betrayal के लिए भी याद किया जाएगा ..
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